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Record in NSE! 12.7 lakh new investors joined

जून 2025 में एनएसई में रिकॉर्ड 12.7 लाख नए निवेशक जुड़े, उत्तर प्रदेश रहा अव्वल

मुंबई, 10 अगस्त 2025 – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने जून 2025 में निवेशक भागीदारी में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की, जब 12.7 लाख नए निवेशक मंच से जुड़े। यह पिछले पांच महीनों में सबसे अधिक मासिक वृद्धि है और यह भारत में शेयर बाजार के प्रति बढ़ते उत्साह और वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है। इस वृद्धि ने न केवल एनएसई की मजबूत स्थिति को रेखांकित किया, बल्कि देश भर में निवेशकों की बदलती मानसिकता और डिजिटल वित्तीय सेवाओं की बढ़ती पहुंच को भी उजागर किया।

उत्तर प्रदेश ने दिखाई अगुवाई

इस रिकॉर्ड-तोड़ वृद्धि में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा, जिसने कुल नए पंजीकरण का 14% हिस्सा योगदान दिया, यानी लगभग 1.8 लाख नए निवेशक। यह राज्य की आर्थिक प्रगति, डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार और वित्तीय साक्षरता के प्रति बढ़ती जागरूकता का परिणाम है। विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में युवा आबादी और मध्यम वर्ग के बीच निवेश के प्रति बढ़ता रुझान इस वृद्धि का प्रमुख कारण है।

उत्तर प्रदेश के बाद, महाराष्ट्र ने 12% नए निवेशकों का योगदान दिया, जो मुंबई जैसे वित्तीय केंद्रों की मौजूदगी और निवेशकों की परिपक्व समझ को दर्शाता है। तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने प्रत्येक 7% का योगदान दिया, जो इन राज्यों में मजबूत आर्थिक गतिविधियों और शेयर बाजार के प्रति बढ़ते विश्वास को दिखाता है। कर्नाटक, जो तकनीकी नवाचारों का केंद्र है, ने 6% नए निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की। अन्य राज्यों जैसे गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश ने भी उल्लेखनीय भागीदारी दिखाई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि शेयर बाजार का आकर्षण अब केवल महानगरों तक सीमित नहीं है।

वृद्धि के पीछे प्रमुख कारक

जून 2025 में नए निवेशकों की इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं:

  1. डिजिटल क्रांति: डिजिटल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और मोबाइल ऐप्स की बढ़ती उपलब्धता ने निवेश को पहले से कहीं अधिक सुलभ बना दिया है। डिस्काउंट ब्रोकर्स और उपयोगकर्ता-अनुकूल ऐप्स जैसे ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और ग्रो ने नए निवेशकों, विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों से, को आकर्षित किया है।
  2. वित्तीय साक्षरता अभियान: सरकार, सेबी (SEBI), और निजी संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों ने लोगों को शेयर बाजार के लाभों और जोखिमों के बारे में शिक्षित किया है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में स्कूलों और कॉलेजों में वित्तीय शिक्षा पर जोर ने युवाओं को निवेश के लिए प्रेरित किया है।
  3. आर्थिक आशावाद: भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और स्थिर नीतिगत ढांचे ने निवेशकों में विश्वास बढ़ाया है। सेंसेक्स और निफ्टी जैसे सूचकांकों के लगातार अच्छे प्रदर्शन ने नए निवेशकों को बाजार में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
  4. महामारी के बाद की मानसिकता: कोविड-19 महामारी के बाद, लोगों में दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा और धन सृजन के प्रति जागरूकता बढ़ी है। म्यूचुअल फंड्स, सिप (SIP), और डायरेक्ट इक्विटी निवेश जैसे विकल्पों ने मध्यम वर्ग को आकर्षित किया है।
  5. युवा निवेशकों का उदय: एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, नए निवेशकों में से अधिकांश 18-35 आयु वर्ग के हैं। यह युवा आबादी, जो तकनीक-सक्षम और जोखिम लेने के लिए तैयार है, बाजार में नई ऊर्जा ला रही है।

एनएसई की भूमिका और प्रभाव

एनएसई ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका मजबूत तकनीकी ढांचा, पारदर्शी प्रणाली और निवेशक शिक्षा पर जोर ने इसे भारत में निवेशकों की पहली पसंद बनाया है। जून 2025 तक, एनएसई पर पंजीकृत निवेशकों की कुल संख्या ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों में से एक बन गया है।

एनएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “12.7 लाख नए निवेशकों का जुड़ना न केवल हमारे प्लेटफॉर्म की ताकत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत में वित्तीय समावेशन अब एक वास्तविकता बन रहा है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि निवेश अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है।”

चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं

हालांकि यह वृद्धि उत्साहजनक है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं। नए निवेशकों को बाजार के जोखिमों के बारे में शिक्षित करना और सट्टा व्यापार से बचने के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है। सेबी और एनएसई ने निवेशक जागरूकता अभियानों को और तेज करने की योजना बनाई है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नए निवेशक सूचित निर्णय लें।

भविष्य में, विशेषज्ञों का मानना है कि यह रुझान और मजबूत होगा। डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार, 5G नेटवर्क का विस्तार, और वित्तीय उत्पादों में नवाचार नए निवेशकों को आकर्षित करते रहेंगे। इसके अलावा, सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की नीतियां इक्विटी बाजारों में और अधिक रुचि पैदा कर सकती हैं।

निष्कर्ष

जून 2025 में एनएसई में 12.7 लाख नए निवेशकों का जुड़ना भारत के वित्तीय परिदृश्य में एक ऐतिहासिक क्षण है। उत्तर प्रदेश की अगुवाई और अन्य राज्यों की मजबूत भागीदारी यह दर्शाती है कि शेयर बाजार अब भारत के हर कोने में पहुंच रहा है। जैसे-जैसे एनएसई और अन्य वित्तीय संस्थान निवेशकों को सशक्त बनाने के लिए काम करते रहेंगे, भारत का शेयर बाजार वैश्विक मंच पर और अधिक चमकेगा, जिससे लाखों लोगों के लिए धन सृजन और वित्तीय स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त होगा।

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