नई दिल्ली, 9 अगस्त 2025: भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने आज एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि भारत की रूसी S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर में “गेम-चेंजर” की भूमिका निभाई। इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी वायुसेना के कम से कम 6 विमानों (5 लड़ाकू जेट + 1 बड़ा विमान) को मार गिराया गया और पाकिस्तान को युद्धविराम के लिए मजबूर होना पड़ा।
ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
- यह ऑपरेशन 7 से 10 मई 2025 के बीच चला।
- यह 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम, जम्मू-कश्मीर में हुए एक भीषण आतंकी हमले का जवाब था, जिसका श्रेय पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों को दिया गया।
- ऑपरेशन का उद्देश्य पाक के भीतर आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करना था, जिसमें 9 आतंकी हब नष्ट किए गए।
S-400: घातक रक्षा कवच
- एयर चीफ मार्शल सिंह ने बेंगलुरु में एक व्याख्यान में S-400 की भूमिका को अभूतपूर्व बताया।
- पाकिस्तानी विमान भारतीय सीमा में घुसने में विफल: S-400 ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को भारतीय वायु सीमा में प्रवेश करने से रोका और खतरों को प्रभावी ढंग से नष्ट किया।
- रिकॉर्ड दूरी पर मार: S-400 ने लगभग 300 किमी की दूरी पर पाकिस्तान का एक बड़ा विमान (माना जा रहा है AWACS या ELINT विमान) मार गिराया। यह दुनिया की सबसे लंबी दूरी की सतह-से-हवा मार में से एक हो सकती है।
- पाकिस्तानी रडार नेटवर्क ध्वस्त: S-400 ने अन्य भारतीय प्रणालियों (जैसे MR-SAM) के साथ मिलकर पाकिस्तान के रडार नेटवर्क को काम करने लायक नहीं छोड़ा।
- ग्लाइड बम बेअसर: पाकिस्तान के लंबी दूरी के ग्लाइड बम भी इस मजबूत वायु रक्षा के कारण बेकार साबित हुए।
पाकिस्तान को भारी नुकसान
- विमान हानि: भारतीय वायुसेना के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान के कम से कम 5 लड़ाकू विमान (जिनमें F-16 शामिल) और 1 बड़ा विमान मार गिराए गए। कुछ सूत्रों ने जमीन पर (सरगोधा एयरबेस के हैंगर में) नुकसान की भी बात की है।
- “अपूरणीय क्षति”: एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान की वायु शक्ति को “अपूरणीय क्षति” पहुंचाई, जिसके बाद पाकिस्तान को युद्धविराम की गुहार लगानी पड़ी।
- सबूत: सिंह ने अपने भाषण में लक्षित स्थलों (जैसे बहावलपुर) के हमले से पहले और बाद के सैटेलाइट चित्र दिखाए और पाकिस्तानी स्थानीय मीडिया की उन्हें नष्ट होने की पुष्टि करने वाली रिपोर्टों का हवाला दिया। हालांकि, विमानों के मलबे की तस्वीरें या स्वतंत्र तीसरे पक्ष (जैसे अंतरराष्ट्रीय सैटेलाइट कंपनियों) के सत्यापित सबूत अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
भारत की सफलता और स्पष्टीकरण
- कोई भारतीय विमान नहीं खोया: सिंह ने कुछ घरेलू आलोचनाओं (जैसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय नुकसान के दावे) का जोरदार खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के दौरान एक भी भारतीय विमान नहीं खोया गया। उन्होंने ऐसे दावों को गलत सूचना बताया।
- पूर्ण संचालन स्वतंत्रता: सिंह ने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों को बिना किसी राजनीतिक प्रतिबंध के पूर्ण संचालन स्वतंत्रता दी गई थी।
- सशक्त निवारक संदेश: उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ने भारत की निर्णायक क्षमता का प्रदर्शन करते हुए एक सशक्त निवारक संदेश भेजा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे और अधिक नहीं कर पाने को लेकर खेद महसूस करते हैं।
एक संतुलित दृष्टिकोण
- ये खुलासे भारत के आधिकारिक बयानों और मीडिया रिपोर्टों (हिंदुस्तान टाइम्स, एनडीटीवी, द इकोनॉमिक टाइम्स आदि) पर आधारित हैं।
- पाकिस्तान की प्रतिक्रिया अज्ञात: इस खुलासे के समय, पाकिस्तानी आधिकारिक स्रोतों (जैसे आईएसपीआर) या डॉन, जियो टीवी, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून जैसे प्रमुख पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट्स से कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिली है। यह इसकी नई जानकारी होने या पाकिस्तान की ओर से सार्वजनिक प्रतिक्रिया न देने के कारण हो सकता है।
- स्वतंत्र सत्यापन की आवश्यकता: भारत-पाकिस्तान के बीच पिछले टकरावों में अक्सर विरोधी दावे सामने आते रहे हैं, जिनकी स्वतंत्र पुष्टि सीमित रही है। इसलिए, इन दावों को अभी तक मुख्य रूप से भारतीय स्रोतों द्वारा समर्थित माना जाता है और अधिक साक्ष्य या तीसरे पक्ष के सत्यापन की प्रतीक्षा है।
- समय का पहलू: ऑपरेशन के तीन से चार महीने बाद ऐसे विस्तृत खुलासे करना असामान्य लग सकता है।
निष्कर्ष:
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में एयर चीफ मार्शल सिंह के खुलासे भारत की बढ़ी हुई वायु रक्षा क्षमताओं, विशेष रूप से S-400 की घातक प्रभावशीलता पर प्रकाश डालते हैं। उनके दावे पाकिस्तानी वायु शक्ति को गंभीर नुकसान और एक सफल निवारक कार्रवाई की ओर इशारा करते हैं। हालांकि, इस कहानी का पूर्ण सत्य तभी स्पष्ट होगा जब और साक्ष्य सामने आएंगे, विशेष रूप से पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और स्वतंत्र सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होगी। फिर भी, यह घटना भारत के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस और अपनी सीमाओं की सक्रिय रक्षा करने के दृढ़ संकल्प को रेखांकित करती है।
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