काबुल/इस्लामाबाद, 18 अक्टूबर 2025: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार रात (17 अक्टूबर) को पाकिस्तान द्वारा पक्तिका प्रांत में की गई कथित एयर स्ट्राइक में कम से कम 10 नागरिक मारे गए, जिनमें तीन उभरते हुए अफगान क्रिकेटर शामिल हैं। इस हमले में दो बच्चे भी शिकार हुए, जबकि 12 अन्य घायल हो गए। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) ने इस घटना की निंदा करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ नवंबर में होने वाली त्रि-राष्ट्र टी20 सीरीज से हटने का ऐलान कर दिया है। अफगान कप्तान राशिद खान ने इसे “नीच और बर्बर” करार दिया है।
यह हमला 48 घंटे के नाजुक युद्धविराम का उल्लंघन माना जा रहा है, जो 15 अक्टूबर को दोहा वार्ताओं के बीच लागू हुआ था। तालिबान अधिकारियों ने पाकिस्तान पर “सीजफायर तोड़ने” का आरोप लगाते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन सीमा पर गोलीबारी और ड्रोन हमलों की खबरें आ रही हैं।
घटना का विवरण: क्रिकेटरों का सपना चूर-चूर
पक्तिका प्रांत के ऊर्गुन जिले में शुक्रवार शाम को पाकिस्तानी विमानों ने तीन स्थानों पर बमबारी की। स्थानीय मीडिया टोलो न्यूज के अनुसार, हमला अर्गुन और बर्मल जिलों के आवासीय इलाकों पर केंद्रित था। मृतकों में तीन युवा क्रिकेटर—कबी र (केबीर), सिबगतुल्लाह और हारून—शामिल थे, जो शरना में एक फ्रेंडली मैच खेलकर ऊर्गुन लौट रहे थे। एसीबी के प्रवक्ता सैयद नसीम सादात ने बताया कि खिलाड़ी एक सभा में थे जब हमला हुआ।
- कबी र (उम्र: 22 वर्ष): आक्रामक ओपनर बल्लेबाज, हाल ही में एसीबी की यूथ टूर्नामेंट में चमके। उन्हें 2026 के अंडर-23 प्रांतीय कैंप के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाना था।
- सिबगतुल्लाह (उम्र: 24 वर्ष): मध्यम क्रम के बल्लेबाज और पार्ट-टाइम स्पिनर, स्थानीय क्लबों के लिए खेलते थे।
- हारून (उम्र: 20 वर्ष): विकेटकीपर-बल्लेबाज, जिला लीग में लगातार प्रदर्शन के लिए जाना जाता था।
एसीबी ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश जारी किया: “यह अफगानिस्तान के खेल समुदाय के लिए अपूरणीय क्षति है। हम शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं और पाकिस्तानी शासन के इस कायरतापूर्ण हमले की निंदा करते हैं।” कुछ रिपोर्टों में मरने वालों की संख्या 8 बताई गई, लेकिन प्रांतीय अस्पताल के अधिकारियों ने 10 की पुष्टि की। घायलों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
अफगानिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद नबी ने टूटे मन से लिखा: “ये बच्चे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना देख रहे थे। क्रिकेट हमारी एकता का प्रतीक है, और इसे निशाना बनाना अमानवीय है।”
पृष्ठभूमि: सीमा विवाद और युद्धविराम का टूटना
अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा (डुरंड लाइन) पर तनाव पिछले हफ्ते से चरम पर था। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर टीटीपी (तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) जैसे उग्रवादी समूहों को पनाह देने का आरोप लगाया, जबकि काबुल ने इन दावों को खारिज किया। 9 अक्टूबर को पाकिस्तान ने काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में स्ट्राइक्स कीं, जिसमें टीटीपी नेता नूर वाली मेहसूद के मारे जाने की अफवाहें फैलीं।
इसके जवाब में तालिबान ने सीमा पर पाकिस्तानी चौकियों पर हमला किया, जिसमें 8 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। 15 अक्टूबर को 48 घंटे का युद्धविराम हुआ, लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया कि ऊर्गुन में टीटीपी के ठिकानों को निशाना बनाया गया। तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा: “हमने युद्धविराम का पालन किया, लेकिन अगर आक्रामकता हुई तो जवाब देंगे।”
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने AFP को बताया कि स्ट्राइक्स “हाफिज गुल बहादुर ग्रुप” (टीटीपी से जुड़ा) पर थीं, जो नॉर्थ वजीरिस्तान में सैन्य कैंप पर हमले के लिए जिम्मेदार था। हालांकि, अफगान स्रोतों ने इसे नागरिक क्षेत्रों पर हमला बताया।
खेल जगत में सदमा: त्रि-राष्ट्र सीरीज रद्द
एसीबी ने लाहौर और रावलपिंडी में 5-29 नवंबर को होने वाली पाकिस्तान-स्रीलंका के साथ त्रि-राष्ट्र टी20 सीरीज से हटने का फैसला लिया। कप्तान राशिद खान ने X पर लिखा: “महिलाओं, बच्चों और युवा क्रिकेटरों की हत्या अमानवीय है। यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। एसीबी के फैसले का स्वागत करता हूं।” अफगान स्पिनर फजलहक फारूकी ने इसे “नृशंस अपराध” कहा।
स्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सीरीज के आयोजक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) पर दबाव बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने “शांति की अपील” की है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भविष्य की आशंका
- संयुक्त राष्ट्र: अफगानिस्तान मिशन ने कहा कि सीमा पर 37 मारे गए और 425 घायल हुए। “दोनों पक्षों को स्थायी समाधान खोजना चाहिए।”
- भारत: विदेश मंत्रालय ने “नागरिक मौतों पर चिंता” जताई, लेकिन तटस्थ रुख अपनाया।
- पाकिस्तान: प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दोहा वार्ताओं को बढ़ाने की बात कही, लेकिन स्ट्राइक्स को “सटीक” बताया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ा सकता है। पाकिस्तान भारत को अफगानिस्तान में “प्रॉक्सी वॉर” का आरोप लगा रहा है, जबकि तालिबान की विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की भारत यात्रा ने तनाव बढ़ाया। यदि दोहा वार्ताएं विफल रहीं, तो पूर्ण युद्ध की आशंका है।
अफगानिस्तान के लिए क्रिकेट न केवल खेल, बल्कि आशा का प्रतीक है। इन युवाओं की मौत ने पूरे राष्ट्र को गमगीन कर दिया है। ऊर्गुन के निवासी कहते हैं: “हम शांति चाहते हैं, लेकिन हमारे सपनों को कुचलना बर्दाश्त नहीं।” दुनिया की नजरें अब काबुल और इस्लामाबाद पर हैं—क्या यह संघर्ष थमेगा या और भयावह रूप लेगा?
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