सुनीता विलियम्स, भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, नासा की एक प्रमुख हस्ती हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण में कई रिकॉर्ड बनाए हैं। 28 जुलाई 2025 तक, उनकी नवीनतम उपलब्धि 19 मार्च 2025 को पृथ्वी पर उनकी सुरक्षित वापसी है, जो एक चुनौतीपूर्ण 9-महीने के मिशन का समापन था। यह अनुभाग उनकी हाल की गतिविधियों, मिशन विवरण, और उनके योगदान का विस्तृत अवलोकन प्रदान करता है।
नवीनतम मिशन और वापसी
सुनीता विलियम्स ने 6 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के पहले मानवयुक्त उड़ान परीक्षण (Boeing Crew Flight Test) के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी। यह मिशन मूल रूप से 8 दिनों का था, लेकिन स्टारलाइनर में हीलियम रिसाव और प्रणोदन समस्याओं के कारण उनका प्रवास 9 महीने तक बढ़ गया। वह 19 मार्च 2025 को सुबह 3:27 बजे (भारतीय समयानुसार) स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान के माध्यम से फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में उतरीं। उनके साथ बुच विल्मोर, निक हेग (क्रू-9 कमांडर), और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्सांद्र गोर्बुनोव थे।
इस मिशन के दौरान, सुनीता ने 286 दिन अंतरिक्ष में बिताए, 121,347,491 मील की यात्रा की, और पृथ्वी के 4,576 चक्कर पूरे किए। उन्होंने ISS पर रखरखाव, वैज्ञानिक अनुसंधान, और 150 से अधिक प्रयोगों में योगदान दिया। उनकी वापसी को नासा ने “घर में आपका स्वागत है” कहकर स्वागत किया।
स्वास्थ्य और पुनर्वास
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के बाद, सुनीता और उनके सहयोगी 45-दिवसीय पुनर्वास कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मांसपेशियों की ताकत, गतिशीलता, और हड्डियों के घनत्व को बहाल करना था, क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण की कमी से शारीरिक चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं। नासा के अनुसार, इस प्रक्रिया में प्रतिदिन 2 घंटे की गतिविधियाँ शामिल थीं, जो गति, मांसपेशियों की ताकत, और सहनशक्ति पर केंद्रित थीं।
उपलब्धियाँ और रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष अन्वेषण में कई रिकॉर्ड बनाए हैं, विशेष रूप से महिलाओं के लिए। उनकी प्रमुख उपलब्धियों का सारांश निम्नलिखित तालिका में दिया गया है:
| उपलब्धि | विवरण | तारीख/नोट्स |
|---|---|---|
| अंतरिक्ष में कुल समय | 606 दिन | तीन मिशनों में |
| स्पेसवॉक (EVA) | 9 स्पेसवॉक, कुल 62 घंटे 6 मिनट, किसी महिला द्वारा सबसे अधिक, कुल मिलाकर चौथा स्थान | जनवरी 2025 तक |
| पहली महिला ऑर्बिटल अंतरिक्ष यान उड़ान परीक्षण | बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट | 6 जून 2024 को लॉन्च |
| ISS कमांडर | दो बार: एक्सपेडिशन 33, एक्सपेडिशन 72 | 2012, 2024-2025 |
| अंतरिक्ष में पहला मैराथन | बोस्टन मैराथन, 4 घंटे 24 मिनट में पूरी की | 16 अप्रैल 2007 |
| अंतरिक्ष में पहला ट्रायथलॉन | 1 घंटा, 48 मिनट, 33 सेकंड में पूरी की | सितंबर 2012 |
| सबसे लंबी एकल अंतरिक्ष उड़ान (महिला) | 192 दिन | 2006-2007 |
| पुरस्कार | सरदार वल्लभभाई पटेल विश्व प्रतिभा पुरस्कार (2007), स्लोवेनिया से मेडल ऑफ मेरिट (2013), बीबीसी 100 वीमेन 2024 | योगदान के लिए मान्यता |
सांस्कृतिक और सामाजिक प्रभाव
सुनीता विलियम्स का भारतीय मूल और उनकी उपलब्धियाँ भारत में गर्व का विषय हैं। उनके पैतृक गांव झूलासन, गुजरात में उनकी वापसी पर उत्सव मनाया गया, जिसमें आरती, प्रार्थनाएँ, और यज्ञ शामिल थे। उनके चचेरे भाई दिनेश रावल ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए यज्ञ का आयोजन किया। गांव ने उनके सम्मान में एक भव्य जुलूस की योजना बनाई थी, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा की और उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें भारत रत्न देने की मांग की। तेलंगाना और मध्य प्रदेश के स्कूलों में उनकी वापसी का उत्सव मनाया गया, और कई मुख्यमंत्रियों ने उन्हें महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया।
तकनीकी चुनौतियाँ और विवाद
बोइंग स्टारलाइनर की तकनीकी समस्याओं, जैसे हीलियम रिसाव और प्रणोदन मुद्दों, ने सुनीता और बुच विल्मोर को ISS पर लंबे समय तक रोक दिया। नासा ने अंततः उनकी वापसी के लिए स्पेसएक्स ड्रैगन का उपयोग किया। इस देरी ने कुछ राजनीतिक विवाद को जन्म दिया, जिसमें अमेरिकी राजनेता डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनकी वापसी उनके प्रयासों के कारण संभव हुई। हालांकि, नासा ने स्पष्ट किया कि निर्णय तकनीकी और लॉजिस्टिक कारणों पर आधारित था।
व्यक्तिगत पृष्ठभूमि
सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को ओहियो के यूक्लिड में हुआ था। उनके पिता, दीपक पंड्या, गुजरात के मेहसाणा जिले से थे, और उनकी माँ, उर्सुलिन बोनी पंड्या, स्लोवेनियाई-अमेरिकी मूल की हैं। वह हिंदू धर्म का पालन करती हैं और अपने मिशनों में भगवद गीता और उपनिषद जैसे ग्रंथ ले गईं। वह माइकल जे. विलियम्स से विवाहित हैं और ह्यूस्टन, टेक्सास में रहती हैं।
भविष्य की योजनाएँ
28 जुलाई 2025 तक, सुनीता विलियम्स की कोई नई गतिविधि या भविष्य की योजनाओं की आधिकारिक खबर नहीं है। वह संभवतः अपने पुनर्वास कार्यक्रम में हैं। उन्होंने भारत की यात्रा करने और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की है, विशेष रूप से भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ती भूमिका को देखते हुए।
प्रेरणादायक प्रभाव
सुनीता विलियम्स की यात्रा अंतरिक्ष अन्वेषण में एक प्रेरणादायक कहानी है, विशेष रूप से महिलाओं और भारतीय मूल के लोगों के लिए। उनकी नवीनतम मिशन और वापसी ने न केवल वैज्ञानिक समुदाय को प्रभावित किया, बल्कि भारत में भी गर्व की भावना जगाई। 28 जुलाई 2025 तक, वे अपने पुनर्वास पर ध्यान दे रही हैं और भविष्य में भारत की यात्रा की संभावना तलाश रही हैं।
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