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संसद के मानसून सत्र के छठे दिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही दूसरी बार स्थगित

28 जुलाई 2025 को संसद के मानसून सत्र के छठे दिन, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते दोनों सदनों को दिन में दूसरी बार स्थगित करना पड़ा। मुख्य विवाद बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (SIR) पर चर्चा की मांग को लेकर था, साथ ही ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले जैसे अन्य मुद्दों ने भी हंगामे को बढ़ावा दिया। लोकसभा को विपक्षी सांसदों के नारेबाजी के बीच दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

प्रमुख घटनाक्रम:

  • विपक्ष का विरोध: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई सहित विपक्षी सांसदों ने बिहार में SIR प्रक्रिया पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि इससे हाशिए पर मौजूद मतदाताओं के अधिकार छीने जा सकते हैं। सांसदों ने नारे लगाए और तख्तियाँ दिखाईं, जिससे कार्यवाही बाधित हुई। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों से शिष्टाचार बनाए रखने की अपील की और कहा, “यह सदन चर्चा और संवाद के लिए है, न कि नारेबाजी के लिए,” लेकिन विरोध जारी रहा, जिसके कारण स्थगन हुआ।
  • ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा: 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के सैन्य अभियान, ऑपरेशन सिंदूर, पर 16 घंटे की विशेष चर्चा 28 जुलाई से शुरू होने वाली थी। सरकार ने विपक्ष की इस मांग को स्वीकार किया, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इसका जवाब देने वाले हैं। हालांकि, बिहार SIR मुद्दे पर हंगामे ने इस चर्चा को शुरू होने से रोका।
  • अध्यक्ष का जवाब: अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष के तख्तियाँ दिखाने और सदन के बीच में आने जैसे व्यवहार की आलोचना की और इसे “असंसदीय” और “सड़क जैसा व्यवहार” बताया। उन्होंने आश्वासन दिया कि नियमों के अनुसार सभी मुद्दों पर चर्चा का मौका दिया जाएगा, लेकिन व्यवस्थित कार्यवाही की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • अन्य मुद्दे: विपक्ष ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम मध्यस्थता के दावों जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की मांग की। इन मांगों ने हंगामे को और बढ़ा दिया, और कई स्थगन प्रस्तावों को अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।

संदर्भ और प्रभाव:

21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक चलने वाला मानसून सत्र बार-बार हंगामे के कारण बाधित हुआ है, और पहले सप्ताह में बिहार SIR, ऑपरेशन सिंदूर और अन्य मुद्दों पर विरोध के चलते कोई खास काम नहीं हो सका। SIR प्रक्रिया विशेष रूप से विवादास्पद रही है, जिसमें राहुल गांधी और महुआ मोइत्रा जैसे विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ दल के पक्ष में हेरफेर का आरोप लगाया है। वहीं, सरकार ने SIR का बचाव किया, और केंद्रीय मंत्रियों चिराग पासवान और गिरिराज सिंह ने इसे मतदाता सूची की शुद्धता के लिए आवश्यक बताया।

बार-बार स्थगन से भारी वित्तीय नुकसान हुआ है, अनुमान के अनुसार प्रति मिनट 2.5 लाख रुपये का खर्च आता है। तीसरे दिन तक लोकसभा केवल 54 मिनट ही चल पाई थी, जिससे करदाताओं को लगभग 12.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

वर्तमान स्थिति:

दोनों सदन दिन के लिए बाद में फिर से शुरू होने तक स्थगित किए गए हैं, और चल रहे हंगामे के कारण कोई महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो सका। 25 जुलाई को सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति से कुछ उम्मीद जगी थी, और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने की संभावना थी, लेकिन SIR मुद्दा अभी भी कार्यवाही पर हावी है।

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