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The journey of monsoon is now over, its departure has started from Rajasthan

मॉनसून की जल्दी विदाई: राजस्थान से शुरुआत, अन्य राज्यों में जल्द होगी प्रगति

नई दिल्ली, 15 सितंबर 2025 – भारत का प्रमुख बारिश लाने वाला दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने इस साल समय से पहले विदाई शुरू कर दी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, मॉनसून ने 14 सितंबर को पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से विदाई ले ली, जो सामान्य तिथि 17 सितंबर से तीन दिन पहले है। यह पिछले एक दशक में सबसे जल्दी विदाई है। इस मॉनसून सीजन में देशभर में 7-8% अधिक बारिश हुई, जिसने कृषि और जल प्रबंधन की संभावनाओं को नया रूप दिया।

राजस्थान से शुरुआत

आईएमडी ने घोषणा की कि जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर, नागौर और जोधपुर जैसे क्षेत्रों से मॉनसून ने विदाई शुरू कर दी है। यह तब संभव हुआ जब तीन मुख्य मौसमी मानदंड पूरे हुए: 1.5 किमी की ऊंचाई पर एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन का निर्माण, लगातार पांच दिनों तक बारिश न होना, और मध्य-ट्रोपोस्फीयर तक नमी में कमी। आईएमडी के महानिदेशक एम. मोहपात्रा ने शुक्रवार को कहा, “मॉनसून की विदाई तब घोषित की जाती है जब बारिश बंद हो, नमी कम हो, और एंटी-साइक्लोनिक हवाएं चलने लगें।”

अब अगले दो-तीन दिनों में राजस्थान के बाकी हिस्सों, पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से मॉनसून के हटने की संभावना है। दिल्ली में सामान्य विदाई की तारीख 25 सितंबर है, लेकिन इस साल यह सप्ताहांत तक हो सकती है, हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के कारण इसमें थोड़ी देरी संभव है।

अधिक बारिश वाला सीजन

2025 का मॉनसून सीजन असाधारण रहा। यह केरल में 24 मई को पहुंचा, जो सामान्य तारीख 1 जून से आठ दिन पहले था, और 29 जून तक पूरे देश को कवर कर लिया, जो सामान्य 8 जुलाई से नौ दिन पहले था। इस सीजन में 836.2 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 778.6 मिमी से 7% अधिक है। उत्तर-पश्चिम भारत में 34% अधिक बारिश हुई, जिसने खरीफ बुआई को बढ़ावा दिया, लेकिन पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में स्थानीय बाढ़ और फसल नुकसान भी हुआ। दूसरी ओर, पूर्वोत्तर भारत में 20% बारिश की कमी रही, जबकि मध्य भारत में 10.5% और दक्षिणी भारत में 7.5% अधिक बारिश हुई।

कृषि और जल प्रबंधन पर प्रभाव

जल्दी विदाई किसानों के लिए राहत की बात है, क्योंकि लंबे समय तक बारिश से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में धान, कपास और मक्का जैसी खरीफ फसलों को नुकसान हो रहा था। क्रिसिल इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के अनुसार, “जल्दी विदाई से समय पर कटाई और रबी बुआई की तैयारी होगी, और भरे हुए जलाशय इसका समर्थन करेंगे।” हालांकि, अगस्त में भारी बारिश ने पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और तेलंगाना में फसलों को नुकसान पहुंचाया, जिससे मॉनसून का दोहरा प्रभाव दिखा।

अन्य राज्यों का क्या?

राजस्थान के बाद, आईएमडी का अनुमान है कि 17-18 सितंबर तक राजस्थान, पंजाब और गुजरात के अतिरिक्त हिस्सों से मॉनसून की विदाई होगी। हरियाणा और दिल्ली में सितंबर के अंत तक यह प्रक्रिया शुरू हो सकती है। आमतौर पर 15 अक्टूबर तक पूरे देश से मॉनसून की विदाई हो जाती है, और इस साल भी यही अपेक्षित है, साथ ही दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मॉनसून की शुरुआत होगी।

इस बीच, अगले तीन दिनों में निम्नलिखित क्षेत्रों में भारी बारिश की भविष्यवाणी है:

  • पूर्वोत्तर राज्य (असम, मेघालय आदि): भारी से बहुत भारी बारिश।
  • महाराष्ट्र: तीव्र बारिश, लेकिन विदाई अभी दूर।
  • दक्षिणी राज्य (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश): 19 सितंबर तक भारी बारिश, विदाई अक्टूबर में।
  • उत्तरी राज्य (उत्तर प्रदेश, बिहार): हल्की बारिश, सितंबर के अंत तक विदाई।

आगे की राह

जल्दी विदाई और अधिक बारिश ने जल उपलब्धता और रबी फसलों की योजना के लिए सकारात्मक माहौल बनाया है। हालांकि, आईएमडी ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र पूर्वी और दक्षिणी भारत में बारिश को बनाए रख सकता है, जिससे उन क्षेत्रों में विदाई में देरी हो सकती है। किसानों और नीति निर्माताओं को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, और वास्तविक समय में मार्गदर्शन के लिए आईएमडी की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

इस साल का मॉनसून, अपनी जल्दी शुरुआत और विदाई के साथ, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाता है। भारत को अब कृषि उत्पादकता और आपदा तैयारियों के बीच संतुलन बनाने की चुनौती का सामना करना है।

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