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बिहार में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर, आधार-EPIC को पहचान पत्र मानने पर ECI से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के मतदाता सूची पुनरीक्षण पर ECI को जारी रखने की अनुमति दी, आधार और वोटर आईडी को स्वीकार करने का सुझाव दिया

28 जुलाई 2025, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रही विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को रोकने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने चुनाव आयोग (ECI) से आग्रह किया कि वह आधार कार्ड और वोटर आईडी (EPIC) को मतदाता पंजीकरण के लिए वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार करने पर विचार करे। साथ ही, न्यायालय ने कहा कि मतदाता सूची से लोगों को बाहर करने के बजाय अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

मुख्य बिंदु:

  1. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:
    • कोर्ट ने ECI को 1 अगस्त 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश देने से मना कर दिया।
    • जस्टिस सूर्या कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि अंतिम फैसला सभी पक्षों की सुनवाई के बाद लिया जाएगा।
    • कोर्ट ने ECI से कहा कि आधार और वोटर आईडी को प्रामाणिक दस्तावेज माना जाना चाहिए, क्योंकि इनमें जालसाजी की संभावना कम होती है।
  2. ECI का रुख:
    • चुनाव आयोग ने कहा कि आधार और राशन कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं हैं, इसलिए इन्हें अकेले मतदाता पंजीकरण के लिए पर्याप्त नहीं माना जा सकता।
    • ECI ने यह भी स्पष्ट किया कि EPIC (वोटर आईडी) पुरानी सूची पर आधारित है, इसलिए इसे निर्णायक प्रमाण नहीं माना जा सकता।
  3. याचिकाकर्ताओं की आपत्तियाँ:
    • याचिकाकर्ताओं (ADR, PUCL और विपक्षी नेताओं) ने कहा कि SIR प्रक्रिया गरीबों, प्रवासियों और अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित कर सकती है, क्योंकि उनके पास जन्म प्रमाणपत्र जैसे दस्तावेज नहीं हैं।
    • उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया “मनमानी और भेदभावपूर्ण” है और संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन करती है।
  4. SIR प्रक्रिया का विवरण:
    • ECI ने बिहार में 24 जून 2025 से SIR शुरू की है, जिसमें 2003 के बाद पंजीकृत मतदाताओं को नागरिकता के प्रमाण देने होंगे।
    • 1 अगस्त को ड्राफ्ट सूची जारी होगी और 30 सितंबर तक अंतिम सूची प्रकाशित की जाएगी।
  5. कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ:
    • न्यायालय ने कहा कि यह मामला “लोकतंत्र और मतदान के अधिकार से जुड़ा है”।
    • कोर्ट ने ECI से पूछा कि वह नागरिकता सत्यापन पर इतना जोर क्यों दे रहा है, जबकि यह गृह मंत्रालय का विषय है।
  6. राजनीतिक प्रतिक्रिया:
    • विपक्षी दलों (कांग्रेस, RJD, CPI) ने SIR को “नागरिकता छीनने की कोशिश” बताया है।
    • INDIA गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और प्रक्रिया को वापस लेने की मांग की।

निष्कर्ष:

सुप्रीम कोर्ट ने अभी ECI को SIR जारी रखने की अनुमति दी है, लेकिन आधार और वोटर आईडी को स्वीकार करने का सुझाव दिया है। अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी, जिसमें कोर्ट अंतिम फैसला सुनाएगा। यह मामला बिहार के आगामी चुनावों और भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है।

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