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Qatar PM's big statement after dinner with Trump

‘शानदार डिनर…’, इजरायली हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के साथ डिनर के बाद बोले कतर के पीएम शेख मोहम्मद

न्यूयॉर्क, 13 सितंबर 2025: कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ न्यूयॉर्क में आयोजित एक महत्वपूर्ण डिनर मीटिंग के बाद इसे “शानदार” करार दिया। यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर कतर के उप मिशन प्रमुख हमाह अल-मुफ्ताह द्वारा साझा की गई, जिन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप के साथ शानदार डिनर अभी समाप्त हुआ।” यह मुलाकात कतर की राजधानी दोहा पर मंगलवार को हुए इजरायली हवाई हमले के ठीक बाद हुई, जिसमें हमास के पांच सदस्यों और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई थी। इस हमले ने मध्य पूर्व में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है और गाजा में चल रही शांति वार्ताओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

इजरायली हमले का पृष्ठभूमि: दोहा पर ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’

मंगलवार को इजरायल ने दोहा के एक आवासीय परिसर पर हवाई हमला किया, जहां हमास के वरिष्ठ नेता एक नई युद्धविराम योजना पर चर्चा कर रहे थे। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “पूरी तरह से स्वतंत्र इजरायली ऑपरेशन” बताया, लेकिन कतर ने इसे “राज्य प्रायोजित आतंकवाद” करार देते हुए कड़ी निंदा की। हमले में मारे गए हमास सदस्यों में वार्ताकार टीम के प्रमुख व्यक्ति शामिल थे, जो राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा प्रस्तावित गाजा युद्ध समाप्ति योजना पर विचार-विमर्श कर रहे थे। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, “इजरायल क्षेत्र को बलपूर्वक पुनर्व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन हम अपनी मानवीय और कूटनीतिक भूमिका को जारी रखेंगे।” हमले के बाद कतर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजरायल की निंदा करने की अपील की और रविवार को दोहा में अरब-इस्लामी शिखर सम्मेलन बुलाया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले पर अपनी नाराजगी जाहिर की और इसे “एकतरफा कार्रवाई” बताया, जो न तो इजरायल के हितों को बढ़ावा देती है और न ही अमेरिका के। ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू से फोन पर बात की और कहा कि वे हमले के स्थान (कतर) से “बहुत दुखी” हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप कतर को अमेरिका का मजबूत सहयोगी मानते हैं, जो अल उदेद एयरबेस होस्ट करता है।” हालांकि, कतर ने अमेरिकी दावे को खारिज कर दिया कि उन्हें हमले की अग्रिम सूचना दी गई थी। कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी ने कहा, “अमेरिकी अधिकारी का फोन तब आया जब दोहा में विस्फोट शुरू हो चुके थे। यह दावा निराधार है।” दो अमेरिकी अधिकारियों ने गुमनामी की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि इजरायल ने हमले से ठीक पहले अमेरिकी सेना को सूचित किया था, लेकिन वाशिंगटन से कोई समन्वय या अनुमति नहीं ली गई।

डिनर मीटिंग: कूटनीति की नई शुरुआत?

शुक्रवार की डिनर मीटिंग न्यूयॉर्क में आयोजित हुई, जिसमें ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल हुए। इससे पहले, शेख मोहम्मद ने वाशिंगटन में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ लगभग एक घंटे की बैठक की। इन चर्चाओं में गाजा में युद्धविराम, बंधकों की रिहाई, युद्ध के बाद पुनर्निर्माण योजना, और अमेरिका-कतर सुरक्षा व्यवस्था पर जोर दिया गया। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, शेख मोहम्मद ने हमले के बाद अमेरिका से अधिक मजबूत सुरक्षा गारंटी की मांग की, खासकर ईरानी हमलों के बाद। न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, यह मीटिंग अनौपचारिक रूप से रखी गई थी, लेकिन दो अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह मध्य पूर्व में शांति स्थापना के लिए कतर की मध्यस्थ भूमिका को मजबूत करने पर केंद्रित थी।

ट्रंप ने हमले को “शांति का अवसर” बताया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह इजरायल की कार्रवाई से अमेरिकी कूटनीति को नुकसान पहुंचा सकती है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के सीनियर फेलो स्टीवन कुक ने कहा, “कतर ने बंधकों की रिहाई के लिए बहुत प्रयास किया, लेकिन बदले में अपने देश पर हमला हो गया। अब वार्ता को फिर से पटरी पर लाना मुश्किल होगा।” शेख मोहम्मद ने हमले के बावजूद कतर की मध्यस्थ भूमिका जारी रखने का संकल्प जताया, लेकिन कहा कि “वर्तमान वार्ताओं के लिए कुछ भी वैध नहीं बचा।”

क्षेत्रीय प्रभाव: अरब जगत में आक्रोश

इस हमले ने खाड़ी देशों में अमेरिका के प्रति विश्वास को हिला दिया है, जो लंबे समय से वाशिंगटन को अपना मुख्य सुरक्षा गारंटर मानते हैं। सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने “अरब, इस्लामी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया” की मांग की, जबकि यूएई के शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मिलकर एकजुटता दिखाई। पीबीएस न्यूज के अनुसार, यह घटना अरब नेताओं को इजरायल के खिलाफ एकजुट कर रही है, जो पहले कतर का बहिष्कार कर चुके थे। इजरायली राजदूत डैनी डैनन ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, “इतिहास उन सहयोगियों के प्रति दयालु नहीं होगा जो आतंकवादियों को शरण देते हैं।”

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हमले के एक दिन पहले फिलिस्तीन-इजरायल के बीच दो-राज्य समाधान के समर्थन में एक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव पारित किया। शेख मोहम्मद ने सुरक्षा परिषद में कहा, “इजरायल ने बंधकों की रिहाई की किसी भी उम्मीद को मार दिया।” गाजा सिटी से इजरायली सेना ने निकासी का आदेश दिया है, जहां लाखों लोग पहले से ही विस्थापित हैं।

भारत की प्रतिक्रिया: संप्रभुता का सम्मान

भारत ने भी दोहा हमले की कड़ी निंदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम से फोन पर बात की और हमले पर गहरी चिंता व्यक्त की। मोदी ने कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा की और कूटनीति तथा बातचीत के माध्यम से विवादों के समाधान की वकालत की। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता का समर्थन करता है।

भविष्य की संभावनाएं: शांति वार्ता पर सवाल

यह डिनर मीटिंग मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव को कम करने और गाजा युद्धविराम को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। कतर, जो लंबे समय से हमास-इजरायल वार्ताओं में मध्यस्थ रहा है, ने कहा कि वह अपनी भूमिका नहीं छोड़ेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल की यह कार्रवाई शांति प्रयासों को पटरी से उतार सकती है। सभी की निगाहें अब दोहा में होने वाले अरब शिखर सम्मेलन और ट्रंप प्रशासन की अगली चाल पर टिकी हैं। क्या यह कूटनीतिक प्रयास क्षेत्रीय स्थिरता ला पाएंगे, या तनाव और बढ़ेगा? समय ही बताएगा।

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