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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का भारत पर तालिबान हमले का आरोप: क्या है पूरा मामला?

इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 17 अक्टूबर 2025: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच हाल ही में हुई भारी झड़पों के बाद 48 घंटे का युद्धविराम घोषित किया गया, लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस युद्धविराम पर संदेह जताते हुए एक हैरान करने वाला आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि अफगान तालिबान भारत के इशारे पर पाकिस्तान के खिलाफ ‘प्रॉक्सी वॉर’ लड़ रहा है। आसिफ ने कहा कि तालिबान के फैसले दिल्ली से प्रायोजित हो रहे हैं, लेकिन वे पाकिस्तान के अपने आतंकी गुटों द्वारा भारत, ईरान, अफगानिस्तान, पश्तूनों और बलूच नागरिकों की हत्या पर चुप्पी साधे हुए हैं।

युद्धविराम पर संदेह और भारत पर आरोप

जियो न्यूज को दिए इंटरव्यू में आसिफ ने कहा, “मुझे संदेह है कि यह युद्धविराम टिकेगा, क्योंकि तालिबान के फैसले दिल्ली द्वारा प्रायोजित हो रहे हैं। फिलहाल काबुल दिल्ली के लिए प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है।” उन्होंने अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के हालिया छह दिवसीय भारत दौरे का हवाला देते हुए कहा कि मुत्तकी ने दिल्ली में जाकर कोई ‘गुप्त योजना’ बनाई है। मुत्तकी का दौरा आधिकारिक तौर पर व्यापार और द्विपक्षीय संबंधों पर केंद्रित था, लेकिन पाकिस्तान इसे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बता रहा है।

आसिफ ने आगे चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान ने सीमा पर उल्लंघन किया, तो पाकिस्तान ‘तुरंत जवाबी कार्रवाई’ करेगा। उन्होंने पाकिस्तानी वायुसेना की क्षमता का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान को अफगानिस्तान के किसी भी हिस्से पर हमला करने का हक और सामर्थ्य है। साथ ही, उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मध्यस्थता की अपील की, उन्हें ‘युद्ध रोकने वाला नेता’ बताते हुए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही।

सीमा पर हिंसा का पृष्ठभूमि

पिछले हफ्ते अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर भारी गोलीबारी हुई, जिसमें दर्जनों सैनिक और नागरिक मारे गए। पाकिस्तान ने कंधार और काबुल पर हवाई हमले किए, जबकि तालिबान ने पाकिस्तानी चौकियों को निशाना बनाया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पहले हमला करने का आरोप लगाया। युद्धविराम बुधवार रात से लागू हुआ, जिसमें दोनों देशों ने ‘रचनात्मक संवाद’ से समाधान निकालने का वादा किया। तालिबान ने कहा कि वे युद्धविराम का पालन करेंगे, जब तक पाकिस्तान उल्लंघन न करे।

पाकिस्तान के अपने प्रॉक्सी आतंकवाद पर खामोशी

आसिफ का यह बयान तब आया है जब पाकिस्तान खुद आतंकवाद को प्रायोजित करने के लिए कुख्यात है। वैश्विक रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान आधारित गुट जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने भारत में हमले किए हैं, जिनमें पुलवामा और उरी जैसे घटनाओं में सैकड़ों निर्दोष मारे गए। ईरान ने हाल ही में पाकिस्तान को बलूचिस्तान में सक्रिय गुटों को समर्थन देने का आरोप लगाया, जबकि अफगानिस्तान TTP को पाकिस्तान की शरण का दोषी ठहराता है। पश्तून और बलूच नागरिकों पर पाकिस्तानी प्रॉक्सी हमलों में हजारों मौतें हुई हैं, लेकिन आसिफ ने इन पर एक शब्द भी नहीं कहा।

भारतीय विशेषज्ञों ने आसिफ के दावे को ‘बेतुका और भटकाव का प्रयास’ बताया। एनडीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद का इतिहास रखता है, फिर भी भारत को दोष दे रहा है। सोशल मीडिया पर भी यूजर्स ने इसे ‘हास्यास्पद’ करार दिया, एक पोस्ट में लिखा, “पाकिस्तान के अपने सैनिकों की पैंट उतारने वाले तालिबान अब भारत के एजेंट?”

क्षेत्रीय प्रभाव

यह विवाद दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ा सकता है। भारत ने अफगानिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध मजबूत किए हैं, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति अपनाई है। पाकिस्तान के आरोपों से भारत-अफगान संबंधों पर असर पड़ सकता है, जबकि ट्रंप की मध्यस्थता की अपील अमेरिकी चुनावों से जुड़ी लगती है। फिलहाल, युद्धविराम टिका हुआ है, लेकिन आसिफ के बयान ने तनाव और बढ़ा दिया है।

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