यमन की एक अदालत द्वारा मौत की सजा पाए भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में नई जानकारी सामने आई है। गुरुवार को भारत के ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय द्वारा सजा रद्द होने की घोषणा के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने इसे “ग़लत सूचना” बताया है। साथ ही, निमिषा के परिवार ने भी किसी आधिकारिक पुष्टि से इनकार किया है।
क्या हुआ था?
- 28 जुलाई: ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यमन सरकार ने निमिषा की सजा को “दिया” (रक्तमूल्य) के आधार पर रद्द कर दिया है।
- 29 जुलाई: MEA ने इस बयान को खारिज करते हुए कहा कि यमन की हूथी सरकार से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली है।
- निमिषा के पति टॉमी थॉमस ने मीडिया को बताया, “हमें केवल अफवाहें मिल रही हैं, लेकिन अदालत या यमन सरकार की ओर से कोई दस्तावेज़ नहीं मिला है।”
विवाद और चुनौतियां
- दिया वार्ता अटकी: निमिषा को बचाने के लिए $58,000 (लगभग 48 लाख रुपये) का रक्तमूल्य जुटाया गया है, लेकिन पीड़ित तलाल महदी के परिवार ने इसे लेने से इनकार कर दिया है।
- कानूनी अड़चनें: यमन में भारत का कोई दूतावास नहीं है, और हूथी अधिकारियों से बातचीत सऊदी अरब स्थित भारतीय दूतावास के माध्यम से हो रही है।
- मीडिया का दखल: निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने मीडिया से अनुरोध किया है कि वे संवेदनशीलता बरतें, क्योंकि “गलत खबरों से महदी परिवार और नाराज़ हो सकता है।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- एमनेस्टी इंटरनेशनल ने यमन से मामले की पुनः समीक्षा करने की मांग की है।
- ईरान ने मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन यमन सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
आगे की राह
- भारत सरकार ने कहा है कि वह यमन के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत जारी रखेगी।
- निमिषा के वकील यमन की सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।
निमिषा का पक्ष
निमिषा ने अपने पत्रों में लिखा है कि उनका इरादा महदी को मारना नहीं था, बल्कि वे उसके अत्याचारों से बचने के लिए आत्मरक्षा में कार्य कर रही थीं। अब तक यमन की अदालतों ने निमिषा के खिलाफ मौत की सजा बरकरार रखी है, और नई फांसी की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है। परिवार को उम्मीद है कि महदी परिवार रक्तमूल्य स्वीकार कर लेगा, लेकिन वर्तमान में स्थिति अनिश्चित बनी हुई है।
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