भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार सहित कई राज्यों में 15 और 16 सितंबर 2025 को भारी से तूफानी बारिश की चेतावनी जारी की है। एक नई मौसमी प्रणाली के विकसित होने से मानसून फिर से सक्रिय होगा, जिसके कारण उन क्षेत्रों में व्यापक व्यवधान हो सकते हैं जहां पहले से ही जलभराव और बाढ़ जैसे हालात हैं।
प्रभावित क्षेत्र और चेतावनी का विवरण
IMD के अनुसार, 15 सितंबर से शुरू होकर 16 सितंबर तक गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है। प्रभावित क्षेत्रों का विवरण इस प्रकार है:
- मध्य प्रदेश: भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, मंडला, नर्मदापुरम और नरसिंहपुर जैसे जिले येलो अलर्ट के तहत हैं। राज्य में बारिश पहले ही सामान्य से 17% अधिक हो चुकी है, जिससे बाढ़ और जलभराव का खतरा बढ़ गया है।
- उत्तर प्रदेश: गोरखपुर, बस्ती और कुशीनगर जैसे पूर्वी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी है, जहां बहुत भारी बारिश से नदियों में उफान और यातायात में रुकावट की आशंका है।
- राजस्थान: अजमेर, जयपुर और झालावाड़ जैसे क्षेत्रों में येलो अलर्ट है, जहां हल्की से मध्यम बारिश और आंधी की संभावना है।
- बिहार: पटना और गया जैसे दक्षिण-पूर्वी जिलों में भी येलो अलर्ट है, जहां मूसलाधार बारिश और बिजली गिरने की आशंका है।
प्रभावों का सारांश तालिका
| राज्य | प्रभावित जिले | अलर्ट स्तर | संभावित प्रभाव |
|---|---|---|---|
| मध्य प्रदेश | भोपाल, इंदौर, बालाघाट, मंडला | येलो (भारी) | जलभराव, बाढ़, तेज हवाएं |
| उत्तर प्रदेश | गोरखपुर, बस्ती, लखीमपुर खीरी | ऑरेंज (बहुत भारी) | नदियों में उफान, यातायात बाधित |
| राजस्थान | अजमेर, जयपुर, झालावाड़ | येलो | हल्की-मध्यम बारिश, आंधी |
| बिहार | पटना, गया (दक्षिण-पूर्व) | येलो | मूसलाधार बारिश, बिजली गिरना |
कारण और सलाह
IMD के अनुसार, यह भारी बारिश मध्य भारत में बन रही एक नई मौसमी प्रणाली के कारण होगी, जो 15 सितंबर से मानसून की गतिविधियों को तेज करेगी। अधिकारियों ने निवासियों से सतर्क रहने, नदियों और निचले इलाकों से दूर रहने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों को संभावित निकासी के लिए तैयार रहने और IMD की आधिकारिक वेबसाइट या ऐप के माध्यम से अपडेट रहने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष
मानसून के एक और तांडव की तैयारी के साथ, प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को भारी बारिश और इसके संभावित प्रभावों के लिए तैयार रहना चाहिए। सुरक्षित रहें, सूचित रहें और इस अस्थिर मौसम के दौरान स्थानीय अपडेट्स पर नजर रखें।
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