भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज मालदीव की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर पहुंचे। यह यात्रा राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व में किसी विदेशी सरकार प्रमुख की पहली राजकीय यात्रा है और भारत-मालदीव रिश्तों में एक नए पन्ने की शुरुआत का प्रतीक है।
गर्मजोशी भरा स्वागत:
- प्रधानमंत्री मोदी जी स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 9:40 बजे वेलाना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे।
- राष्ट्रपति मुइज्जू ने खुद उनका स्वागत किया। विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और गृह सुरक्षा मंत्री भी मौजूद थे।
- माले की सड़कें भारतीय तिरंगे और प्रधानमंत्री के स्वागत संदेश वाले पोस्टरों से सजी हुई थीं।
- वहां रह रहे भारतीयों ने भी उत्साहपूर्वक उनका स्वागत किया, ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजे।
यात्रा का मुख्य उद्देश्य:
यह यात्रा कई मायनों में खास है:
- 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह: प्रधानमंत्री मोदी जी कल (26 जुलाई) मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।
- रिश्तों की नई शुरुआत: यह यात्रा दोनों देशों के बीच हाल के तनाव के बाद रिश्तों को नई दिशा देने का प्रयास है।
- 60 साल का राजनयिक रिश्ता: इसी साल दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 60 साल पूरे हो रहे हैं।
- नेबरहुड फर्स्ट और महासागर: मालदीव भारत की ‘पड़ोसी सबसे पहले’ नीति और ‘महासागर’ (Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) दृष्टि का प्रमुख साझीदार है।
आज का कार्यक्रम:
- हवाई अड्डे पर स्वागत के बाद, प्रधानमंत्री दोपहर करीब 3 बजे आधिकारिक स्वागत समारोह के लिए रिपब्लिक स्क्वायर पहुंचे।
- इसके बाद राष्ट्रपति मुइज्जू से एकांत वार्ता हुई।
- फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताएं हुईं।
- शाम करीब 5 बजे दोनों देशों के बीच कई समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए और भारत की सहायता से चल रहे विकास परियोजनाओं का उद्घाटन (वर्चुअल माध्यम से) किया गया।
- इसके बाद दोनों नेताओं ने प्रेस वक्तव्य जारी किए।
- शाम को राष्ट्रपति मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी जी के सम्मान में भोज दिया।
आर्थिक और सामरिक साझेदारी:
यह यात्रा भारत-मालदीव की ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ (Comprehensive Economic and Maritime Security Partnership) नामक संयुक्त दृष्टि को मजबूत करने का अवसर है।
- बढ़ता व्यापार: द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 548 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। फार्मा उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, सीमेंट प्रमुख निर्यात हैं।
- वित्तीय सहयोग: भारत ने वित्तीय सहायता के लिए 100 मिलियन डॉलर का पैकेज दिया है और 400 मिलियन डॉलर की करेंसी स्वैप सुविधा प्रदान की है।
- डिजिटल एकीकरण: भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को मालदीव में शुरू करने पर सहमति हुई है।
- महत्वपूर्ण आपूर्ति: भारत ने मालदीव को जरूरी सामानों के निर्यात के लिए अब तक का सबसे बड़ा कोटा मंजूर किया है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक और भौगोलिक रूप से गहरे रिश्तों को नई ऊर्जा देने वाली है। दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने, साझा सुरक्षा चिंताओं पर चर्चा करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए यह यात्रा एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत की पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्राथमिकता देने की नीति को दर्शाती है। मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस पर उनकी मौजूदगी इस साझेदारी की गर्मजोशी को और गहरा करेगी।
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