गांधीनगर, 17 अक्टूबर 2025: गुजरात में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को छोड़कर राज्य कैबिनेट के सभी 16 मंत्रियों ने गुरुवार को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। यह कदम कैबिनेट विस्तार की पूर्व संध्या पर उठाया गया, जो शुक्रवार दोपहर 11:30 बजे महात्मा मंदिर, गांधीनगर में होगा। बीजेपी के इस फैसले से नए चेहरों को मौका मिलेगा और पुरानी सरकार में बड़े बदलाव की उम्मीद है।
क्या है वजह?
यह इस्तीफे बीजेपी की रणनीतिक योजना का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य राज्य सरकार को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाना है। वर्तमान कैबिनेट में 17 सदस्य (सीएम सहित) हैं, लेकिन गुजरात विधानसभा (182 सदस्यों वाली) में अधिकतम 27 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पार्टी ‘नो-रीपीट फॉर्मूला’ अपना रही है, जैसा कि 2021 में अपनाया गया था—यानी ज्यादातर पुराने मंत्रियों को दोबारा जगह नहीं मिलेगी। लगभग 7-10 पुराने मंत्री (जैसे धर्मेंद्रसिंह जडेजा, रिषिकेश पटेल, भूपेंद्रसिंह चुड़ासमा) बरकरार रह सकते हैं, जबकि कनुभाई देसाई (वित्त), राघवजी पटेल (कृषि) जैसे कई को हटाया जा सकता है। नए कैबिनेट में 10 नए चेहरे, 4 महिलाएं, और विभिन्न समुदायों (पटेल, ओबीसी, एससी/एसटी, ब्राह्मण, क्षत्रिय) से प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। यह बदलाव आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और संगठनात्मक चुनौतियों के मद्देनजर उठाया गया है, ताकि पार्टी का आधार मजबूत हो।
शपथ ग्रहण समारोह के प्रमुख बिंदु
- समय और स्थान: 17 अक्टूबर, सुबह 11:30 बजे, महात्मा मंदिर, गांधीनगर।
- मुख्य अतिथि: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उपस्थित रहेंगे। सभी बीजेपी विधायक गांधीनगर पहुंच चुके हैं।
- सीएम का कदम: भूपेंद्र पटेल ने इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं और गुरुवार रात राज्यपाल आचार्य देवव्रत से नए कैबिनेट की सूची सौंप चुके हैं।
यह फेरबदल गुजरात बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश विश्वकर्मा के नेतृत्व में पार्टी की नई ऊर्जा को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे विकास कार्यों में गति आएगी और पार्टी का वोट बैंक मजबूत होगा। सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा जोरों पर है, जहां इसे ‘विकसित गुजरात’ की दिशा में सकारात्मक कदम बताया जा रहा है।
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