जग खबर

जग खबर एक प्रमुख हिंदी समाचार वेबसाइट है, जो देश-विदेश की ताज़ा खबरों, राजनीति, मनोरंजन, खेल, व्यापार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक मुद्दों पर समग्र कवरेज प्रदान करती है। हमारा उद्देश्य पाठकों तक सटीक, निष्पक्ष और तेज़ खबरें पहुँचाना है, जिससे वे हर महत्वपूर्ण घटना से अपडेट रह सकें।

Major administrative reshuffle in UP, 7 IPS officers transferred

UP में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 7 IPS का तबादला

लखनऊ, 17 सितंबर 2025 (संदेश वाहक न्यूज डेस्क): उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन में बड़ी सर्जरी की है। मंगलवार की देर शाम जारी आदेश के तहत सात भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के तबादले कर दिए गए हैं। इनमें लखनऊ, नोएडा, कानपुर और गाजियाबाद जैसे प्रमुख शहरों के डीसीपी और डीआईजी पदों पर नई नियुक्तियां की गई हैं। यह फेरबदल राज्य में कानून-व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, खासकर आने वाले त्योहारों और चुनावी माहौल को देखते हुए।

पुलिस मुख्यालय के सूत्रों की मानें तो यह तबादला एक्सप्रेस अचानक जारी की गई है, जिससे पुलिस महकमे में हलचल मच गई है। इससे पहले 8 सितंबर को ही 28 आईपीएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे, जो प्रशासनिक सुधारों का हिस्सा थे। मंगलवार को हुए इन सात तबादलों में सबसे ज्यादा चर्चा सेना नायक सतीश यादव के स्थानांतरण की हो रही है। उन्हें एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) लखनऊ से हटाकर डीजीपी कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।

तबादलों का पूरा ब्योरा: कौन कहां गया?

गृह विभाग द्वारा जारी आधिकारिक आदेश के अनुसार, निम्नलिखित सात आईपीएस अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। ये तबादले तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं, और सभी अधिकारियों को अपने नए पदों पर शीघ्र ज्वाइन करने का निर्देश दिया गया है:

पृष्ठभूमि: क्यों चली तबादला एक्सप्रेस?

उत्तर प्रदेश में तबादलों का यह सिलसिला नया नहीं है। योगी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में कई बार पुलिस महकमे में फेरबदल किया है, ताकि जमीनी स्तर पर कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जा सके। अप्रैल 2025 में 15 आईपीएस अधिकारियों के तबादले हुए थे, जिसमें सात जिलों के एसपी बदले गए थे। अगस्त में आठ अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया, और सितंबर में ही दो बड़े राउंड (8 और 17 तारीख को) देखने को मिले।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये तबादले त्योहारों (दिवाली, छठ) और संभावित उपचुनावों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। लखनऊ जैसे संवेदनशील शहर में ममता रानी चौधरी की नियुक्ति को महिलाओं की सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन पर फोकस के रूप में देखा जा रहा है। इसी तरह, नोएडा-गाजियाबाद क्षेत्र में औद्योगिक और शहरी अपराधों पर नकेल कसने के लिए नए डीसीपी भेजे गए हैं। डॉ. सतीश कुमार का डीजीपी कार्यालय से जुड़ना आपदा प्रबंधन और विशेष अभियानों को मजबूत करने का संकेत देता है।

प्रतिक्रियाएं और प्रभाव

पुलिस महकमे में इन तबादलों को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “यह फेरबदल प्रशासन को ताजगी देगा, लेकिन अचानक बदलाव से कुछ चुनौतियां भी पैदा होंगी।” विपक्षी दलों ने इसे “राजनीतिक दबाव” का नाम दिया है, जबकि भाजपा ने इसे “शून्य अपराध” की दिशा में कदम बताया।

इन तबादलों से प्रभावित शहरों में नई कमान संभालने वाले अधिकारियों पर नजरें टिकी हैं। लखनऊ में डीसीपी ममता रानी चौधरी की अगुवाई में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष अभियान चलाने की उम्मीद है। कानपुर और नोएडा में अपराध दर को कम करने के लिए नई रणनीतियां अपनाई जा सकती हैं।

योगी सरकार का यह कदम एक बार फिर साबित करता है कि उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक सुधारों का पहिया तेजी से घूम रहा है। आने वाले दिनों में और फेरबदल की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया इसे शेयर करें

.