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Inside Story of Operation Sindoor

पाकिस्तान पर अटैक की अंदरूनी कहानी – आर्मी चीफ का बड़ा खुलासा

नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025 – भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिंदूर को शतरंज के एक जटिल खेल से तुलना की, जिसमें भारत ने अपनी रणनीतिक चतुराई और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को पूरी तरह से मात दी। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, जिसमें 20 से अधिक नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से जोड़ा गया, जिसके बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया।

ऑपरेशन की पृष्ठभूमि और योजना

आईआईटी मद्रास में ‘अग्निशोध’ रिसर्च सेल के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशन के पीछे की रणनीति का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की एक आपातकालीन बैठक हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए: “बस, अब बहुत हुआ। हमें निर्णायक कार्रवाई करनी होगी।” सेना को पूरी स्वतंत्रता दी गई, और केवल 24 घंटे के भीतर ऑपरेशन सिंदूर की रूपरेखा तैयार कर ली गई।

जनरल द्विवेदी ने बताया कि यह ऑपरेशन ‘ग्रे ज़ोन’ युद्ध का एक उत्कृष्ट उदाहरण था, जिसमें पारंपरिक युद्ध के बजाय सटीक, खुफिया-आधारित और सीमित लेकिन प्रभावी कार्रवाइयों पर ध्यान दिया गया। इसकी योजना इतनी गोपनीय और तेजी से बनाई गई थी कि पाकिस्तान को इसका अंदाजा तक नहीं हुआ।

सैन्य कार्रवाई और तकनीकी श्रेष्ठता

ऑपरेशन सिंदूर 80-90 घंटे तक चला, जिसमें भारतीय वायुसेना ने अपनी तकनीकी और सामरिक क्षमता का लोहा मनवाया। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने बताया कि भारत ने स्वदेशी और रूस से प्राप्त S-400 मिसाइल सिस्टम का उपयोग कर पाकिस्तान के पांच फाइटर जेट, जिनमें तीन F-16 और दो JF-17 शामिल थे, को नष्ट कर दिया। इसके अलावा, एक हवाई निगरानी विमान (AEW&C/ELINT) और जकोकाबाद एयरबेस पर स्थित कई रडार सिस्टम, कमांड सेंटर और हथियार डिपो को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।

S-400 की सटीकता और लंबी दूरी की मारक क्षमता ने इस ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा, “यह ऑपरेशन भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक और वैश्विक स्तर की सैन्य क्षमता का प्रदर्शन था। हमने न केवल दुश्मन को नुकसान पहुंचाया, बल्कि दुनिया को दिखाया कि भारत अब किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है।”

रणनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव

ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की सेना और सरकार में हड़कंप मच गया। जनरल द्विवेदी ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर तंज कसते हुए कहा, “उन्हें लगा कि उनका चीफ फील्ड मार्शल बन गया, तो वे जीत गए। लेकिन हमने उन्हें दिखा दिया कि असली जीत क्या होती है।” ऑपरेशन की तीव्रता और प्रभाव इतना था कि पाकिस्तान को जल्द ही युद्धविराम के लिए बातचीत शुरू करनी पड़ी।

हालांकि, इस युद्धविराम ने भारत में राजनीतिक बहस को जन्म दिया। विपक्षी नेता और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “जब भारत जीत की कगार पर था, तो युद्धविराम का फैसला क्यों लिया गया? क्या यह अमेरिका या अन्य अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के दबाव का नतीजा था?” भारद्वाज ने मांग की कि सरकार इस मामले में पारदर्शिता बरते और जनता को पूरी जानकारी दे।

वैश्विक प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति

ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों को प्रभावित किया, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत किया। S-400 सिस्टम की सफलता ने रूस-भारत रक्षा सहयोग को भी रेखांकित किया, जबकि स्वदेशी तकनीक के उपयोग ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संदेश को बल दिया। अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों ने इस ऑपरेशन को आधुनिक युद्ध की रणनीति में एक मील का पत्थर बताया है।

विश्लेषकों का मानना है कि इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब आतंकी हमलों का जवाब कठोर और त्वरित कार्रवाई से देगा। साथ ही, यह ऑपरेशन भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति को बनाए रखते हुए भी दुश्मन को सबक सिखाने की क्षमता को दर्शाता है।

भविष्य की दिशा

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य और कूटनीतिक रणनीति को नए सिरे से परिभाषित किया है। यह ऑपरेशन न केवल एक सैन्य जीत थी, बल्कि भारत की तकनीकी उन्नति और रणनीतिक दृष्टिकोण का प्रतीक भी था। हालांकि, युद्धविराम के बाद उठे सवालों ने सरकार पर जवाबदेही का दबाव बढ़ा दिया है। क्या भारत अपनी जीत को और आगे ले जा सकता था? क्या अंतरराष्ट्रीय दबाव ने भारत के फैसले को प्रभावित किया? ये सवाल अभी भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।

एक बात निश्चित है: ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को एक ऐसी शक्ति के रूप में स्थापित किया है, जो न केवल अपने नागरिकों की रक्षा कर सकती है, बल्कि वैश्विक मंच पर अपनी ताकत का प्रदर्शन भी कर सकती है। जैसे-जैसे भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है, दुनिया की नजर इस क्षेत्र पर टिकी रहेगी।

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