भारत की ‘फैब फोर’—विराट कोहली, रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और जसप्रीत बुमराह—ने 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यह सीरीज, जो इंग्लैंड की धरती पर खेली गई, भारतीय टीम के लिए कड़ी परीक्षा थी, लेकिन इन चारों खिलाड़ियों ने अपने अनुभव और कौशल से न केवल टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला, बल्कि कई नए कीर्तिमान भी स्थापित किए। नीचे इस चौकड़ी के प्रदर्शन और उनके योगदान का विस्तृत विवरण दिया गया है:
विराट कोहली: ‘किंग’ का शानदार वापसी
लॉर्ड्स टेस्ट में शतक: कोहली ने लॉर्ड्स की मुश्किल पिच पर 132 रनों की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें उन्होंने जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे दिग्गज गेंदबाजों को चुनौती दी। यह पारी उनके करियर का इंग्लैंड में पहला शतक बन गया और भारत को पहली पारी में मजबूत स्थिति में ले गई।
ओवल टेस्ट में योगदान: ओवल में, जब भारत को जीत के लिए 378 रनों की जरूरत थी, कोहली ने 89 रनों की नाबाद पारी खेलकर टीम को ऐतिहासिक रन-पीछा करवाया। उनकी इस पारी में 10 चौके और 2 छक्के शामिल थे, और उन्होंने जो रूट की स्पिन गेंदबाजी को खास तौर पर कुचला।
सीरीज के आंकड़े: कोहली ने इस सीरीज में 350+ रन बनाए, जिसमें एक शतक और दो अर्धशतक शामिल थे। उनकी औसत 60 से ऊपर रही, और वे ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज’ चुने गए।
रोहित शर्मा: ‘हिटमैन’ का विदेशी धरती पर जलवा
हेडिंग्ले टेस्ट में दोहरा शतक: रोहित ने हेडिंग्ले टेस्ट में 215 रनों की शानदार पारी खेली, जो इंग्लैंड में किसी भारतीय ओपनर द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर बन गया। उनकी इस पारी में 24 चौके और 6 छक्के शामिल थे, और उन्होंने भारत को पहली पारी में 550+ रन बनाने में मदद की।
सीरीज में स्थिरता: रोहित ने सीरीज में 400+ रन बनाए, जिसमें एक दोहरा शतक और एक शतक शामिल था। उन्होंने इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के खिलाफ अपनी तकनीक और धैर्य का परिचय दिया।
रिकॉर्ड: इस सीरीज के साथ, रोहित ने इंग्लैंड में अपने 2,000 टेस्ट रन पूरे किए और विदेशी धरती पर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय ओपनरों में शामिल हो गए।
चेतेश्वर पुजारा: ‘दीवार’ का अटूट संकल्प
मैनचेस्टर टेस्ट में योगदान: पुजारा ने मैनचेस्टर टेस्ट में 187 गेंदों पर 76 रन बनाकर भारत को फॉलो-ऑन से बचाया। उनकी यह पारी धीमी लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण थी, जिसने भारत को मैच ड्रॉ कराने में मदद की।
सीरीज में भूमिका: पुजारा ने सीरीज में 300+ रन बनाए और कई महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं। उनकी रक्षात्मक बल्लेबाजी ने भारत की पारियों को स्थिरता प्रदान की।
विशेषता: पुजारा ने जो रूट और बेन स्टोक्स जैसे गेंदबाजों के खिलाफ अपनी क्षमता दिखाई और विपरीत परिस्थितियों में टीम को संभाला।
जसप्रीत बुमराह: ‘यॉर्कर किंग’ का तांडव
ओवल टेस्ट में हैट्रिक: बुमराह ने ओवल टेस्ट में इंग्लैंड के तीन विकेट लगातार तीन गेंदों पर लेकर हैट्रिक बनाई। यह हैट्रिक उन्होंने जो बेयरस्टो, जोनी बेयरस्टो और क्रिस वोक्स को आउट करके बनाई, जिसने भारत को मैच जिताने में मदद की।
सीरीज में गेंदबाजी: बुमराह ने सीरीज में 20+ विकेट लिए, जिसमें 5 विकेटों के दो हॉल्फाइफर्स शामिल थे। उनकी गेंदबाजी ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को हमेशा दबाव में रखा।
खासियत: बुमराह ने अपनी यॉर्कर और रिवर्स स्विंग से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान किया, खासकर जो रूट और बेन स्टोक्स के खिलाफ।
सीरीज का प्रभाव
- इस सीरीज में भारत ने इंग्लैंड को 3-1 से हराया, जो इंग्लैंड में उनकी पहली टेस्ट सीरीज जीत बन गई।
- कोहली, रोहित, पुजारा और बुमराह की इस जबरदस्त चौकड़ी ने भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025 की फाइनल में पहुंचाया।
- प्रशंसकों और विश्लेषकों ने इन चारों की जमकर तारीफ की, जिसमें कोहली को ‘किंग’ और बुमराह को ‘भारत का सबसे बड़ा फास्ट बॉलर’ करार दिया गया।
यह चौकड़ी भारतीय क्रिकेट की रीढ़ बनी, जिसने अनुभव, आक्रामकता और संयम का बेहतरीन मिश्रण पेश किया। उनके प्रदर्शन ने भारत को विदेशी धरती पर एक अमिट पहचान दिलाई और आने वाले वर्षों के लिए एक नई मिसाल कायम की।
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