प्रमुख बिंदु
- भारतीय शेयर बाजार में 28 जुलाई 2025 को भारी गिरावट देखी गई, जिसमें निफ्टी 24,800 से नीचे 24,680.90 पर बंद हुआ और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में लगभग 7% की गिरावट आई।
- यह गिरावट मुख्य रूप से कोटक महिंद्रा बैंक के निराशाजनक तिमाही परिणामों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण हुई प्रतीत होती है।
- विदेशी निवेशकों की बिकवाली और अन्य क्षेत्रों जैसे आईटी और दूरसंचार में कमजोरी ने भी बाजार पर दबाव डाला।
बाजार का प्रदर्शन
28 जुलाई 2025 को, निफ्टी 50 इंडेक्स 156.10 अंक (0.63%) गिरकर 24,680.90 पर और सेंसेक्स 572.07 अंक (0.70%) गिरकर 80,891.02 पर बंद हुआ। यह गिरावट तीसरे लगातार सत्र में नीचे की ओर गति दिखाती है, जिसमें एक मंदी का मोमबत्ती पैटर्न और कम शीर्ष गठन देखा गया।
कोटक महिंद्रा बैंक की गिरावट
कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में लगभग 7% की गिरावट आई, जो निफ्टी पर सबसे बड़ा हारने वाला था। बैंक ने Q1FY26 के लिए अपना समेकित शुद्ध लाभ 7% घटकर 3,282 करोड़ रुपये कर दिया, और खुदरा वाणिज्यिक वाहन ड़ण खंड में तनाव का हवाला दिया।
अन्य कारक
इसके अलावा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली, भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी, और वैश्विक बाजारों में कमजोरी (जैसे जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी) ने बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला। आईटी क्षेत्र में ताजा बेरोजगारी, जैसे TCS द्वारा 2% कार्यबल कम करना, और बढ़ती ब्रेंट क्रूड तेल कीमतों से मुद्रास्फीति की चिंताएं बढ़ी हैं।
विस्तृत विश्लेषण और रिपोर्ट
भारतीय शेयर बाजार में 28 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जिसमें निफ्टी 50 इंडेक्स 24,800 के स्तर से नीचे गिर गया और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में लगभग 7% की गिरावट दर्ज की गई। यह रिपोर्ट बाजार के प्रदर्शन, कोटक महिंद्रा बैंक की स्थिति, और इस गिरावट के पीछे के कारकों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
बाजार का समग्र प्रदर्शन
28 जुलाई 2025 को, निफ्टी 50 इंडेक्स 156.10 अंक (0.63%) गिरकर 24,680.90 पर और सेंसेक्स 572.07 अंक (0.70%) गिरकर 80,891.02 पर बंद हुआ। यह गिरावट तीसरे लगातार सत्र में नीचे की ओर गति दिखाती है, जिसमें एक मंदी का मोमबत्ती पैटर्न और कम शीर्ष गठन देखा गया। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निफ्टी 24,050 के समर्थन स्तर से ऊपर नहीं बंद होता है, तो यह 23,800 तक गिर सकता है। इसके अलावा, बाजार 24,800/81,100 के स्तर से नीचे कारोबार कर रहा है, जो संभावित सुधार को 24,550–24,500/80,500-80,350 तक ले जा सकता है।
भारत वीआईएक्स (India VIX) में लगभग 7% की वृद्धि हुई है, जो निवेशकों में बढ़ती घबराहट का संकेत देती है। यह संकेत देता है कि बाजार में अस्थिरता बढ़ रही है, जो निवेशकों के लिए सतर्कता का कारण हो सकता है।
कोटक महिंद्रा बैंक का प्रदर्शन
कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में लगभग 7% की गिरावट आई, जो निफ्टी पर सबसे बड़ा हारने वाला था। बैंक ने Q1FY26 के लिए अपना समेकित शुद्ध लाभ 7% घटकर 3,282 करोड़ रुपये कर दिया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के 3,520 करोड़ रुपये से कम था। इसके अलावा, बैंक ने खुदरा वाणिज्यिक वाहन ऋण खंड में तनाव का हवाला दिया, जो अप्रत्याशित आर्थिक स्थितियों के कारण था। शेयरों ने दिन के दौरान 6.5% तक की गिरावट देखी, जो 1,986.55 रुपये के इंट्राडे निचले स्तर पर पहुंच गया।
इस गिरावट ने न केवल बैंक के शेयरों को प्रभावित किया, बल्कि समग्र बैंकिंग क्षेत्र पर भी दबाव डाला, जिससे निफ्टी और सेंसेक्स में और गिरावट आई। कोटक महिंद्रा बैंक के साथ, अन्य प्रमुख हारने वाले में विप्रो, बजाज फाइनेंस, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, एसबीआई कार्ड, और सीडीएसएल शामिल थे।
गिरावट के पीछे के कारक
इस बाजार गिरावट के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
| कारक | विवरण |
|---|---|
| कमजोर तिमाही परिणाम | कई कंपनियों, विशेष रूप से कोटक महिंद्रा बैंक, ने निराशाजनक Q1 परिणाम दिखाए, जिससे निवेशकों में बिकवाली हुई। |
| विदेशी निवेशकों की बिकवाली | विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की लगातार बिकवाली ने बाजार पर दबाव डाला, जिससे नकारात्मक भावना बढ़ी। |
| वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं | भारत-अमेरिका व्यापार समझौते में देरी, और वैश्विक बाजारों में कमजोरी (जैसे जापान का निक्केई और दक्षिण कोरिया का कोस्पी) ने बाजार को प्रभावित किया। |
| बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंताएं | ब्रेंट क्रूड तेल की कीमतों में वृद्धि ने मुद्रास्फीति की चिंताओं को बढ़ाया, जिससे निवेशकों में सतर्कता आई। |
| आईटी क्षेत्र में बेरोजगारी | TCS द्वारा 2% कार्यबल कम करना और Infosys जैसे अन्य आईटी कंपनियों में कमजोरी ने आईटी क्षेत्र में बिकवाली को बढ़ावा दिया। |
| दूरसंचार और रियल्टी क्षेत्र | इन क्षेत्रों में तेज बिकवाली ने समग्र बाजार पर दबाव डाला, जिसमें भारती एयरटेल और डीएलएफ जैसे शेयर शामिल थे। |
वैश्विक और घरेलू संदर्भ
वैश्विक स्तर पर, एशियाई बाजारों में कमजोरी और अमेरिकी टैरिफ नीतियों के डर ने भारतीय बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला। इसके अलावा, निवेशक मासिक F&O अनुबंधों की समाप्ति (जो 31 जुलाई 2025 को है) से पहले सतर्क थे, जिसने बाजार में और अस्थिरता जोड़ी। घरेलू स्तर पर, मंदी की घरेलू मांग और आर्थिक अनिश्चितताओं ने निवेशकों को और सतर्क किया।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर निफ्टी 24,050 के समर्थन स्तर से ऊपर बंद होता है, तो रिकवरी की संभावना है, अन्यथा यह 23,800 तक गिर सकता है। निवेशकों को आगामी तिमाही परिणामों और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि ये बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
यह रिपोर्ट बाजार के वर्तमान रुझानों और कोटक महिंद्रा बैंक की स्थिति पर आधारित है, और निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
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