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हरियाणा सरकारी अस्पताल में मचा हड़कंप: CMO के निरीक्षण में डॉक्टर-कर्मचारी गायब, वेतन कटने का आदेश

हरियाणा के सरकारी अस्पताल का हाल: डॉक्टर से लेकर कर्मचारी… सब गायब, CMO ने चेकिंग के बाद एक दिन का वेतन काटा

भिवानी, 10 अक्टूबर 2025 (विशेष संवाददाता): हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही का एक और काला अध्याय सामने आया है। भिवानी जिले के चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. रघुबीर शांडिल्य के अचानक निरीक्षण के दौरान डॉक्टरों से लेकर अन्य कर्मचारियों तक की अनुपस्थिति ने स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी। अस्पताल में सफाई का अभाव, दवाइयों की कमी और स्टाफ की लापरवाही जैसी कई खामियां सामने आईं, जिसके बाद सीएमओ ने सख्त कार्रवाई करते हुए गैरहाजिर पाए गए सभी कर्मियों और डॉक्टरों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी कर दिया। साथ ही, उन्हें कारण बताओ नोटिस भी थमा दिया गया है।

निरीक्षण के दौरान क्या-क्या मिला?

सीएमओ डॉ. रघुबीर शांडिल्य ने बुधवार (9 अक्टूबर) को चौधरी बंसीलाल नागरिक अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान अस्पताल के कई विभागों में हड़कंप मच गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं पाए गए। कुछ कर्मचारी तो बिल्कुल गायब थे, जबकि कुछ ने बायोमेट्रिक अटेंडेंस तो मार्क कर ली थी, लेकिन काम पर नजर नहीं आ रहे थे। अस्पताल के ओपीडी, वार्ड और इमरजेंसी विभागों में मरीजों की संख्या कम होने के बावजूद स्टाफ की कमी से सेवाएं प्रभावित हो रही थीं।

निरीक्षण में सफाई व्यवस्था की भी जमकर धज्जियां उड़ीं। अस्पताल के फर्श पर कचरा बिखरा पड़ा था, शौचालय गंदे थे और मरीजों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। दवाइयों के स्टॉक की जांच में भी कई कमी सामने आई, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीएमओ ने अस्पताल अधीक्षक को तत्काल सुधार के निर्देश दिए और कहा कि ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।

कार्रवाई: वेतन कटौती और जांच का आदेश

निरीक्षण के तुरंत बाद सीएमओ ने गैरहाजिर पाए गए कर्मियों के खिलाफ एक्शन ले लिया। सभी अनुपस्थित डॉक्टरों और स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा, उनके एक दिन के वेतन को काटने के आदेश दे दिए गए हैं। डॉ. शांडिल्य ने स्पष्ट कहा, “ये कर्मचारी और डॉक्टर आदतन ऐसा करते हैं या नहीं, इसकी गहन जांच की जाएगी। स्वास्थ्य सेवाएं जनता की जान से खिलवाड़ नहीं हो सकतीं।” उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को साफ-सुथरा रखने, दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्टाफ की नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग में बढ़ रही शिकायतें

यह पहला मामला नहीं है जब हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की लापरवाही उजागर हुई है। राज्य भर में मरीजों की शिकायतें बढ़ रही हैं कि डॉक्टर समय पर नहीं आते, कर्मचारी गायब रहते हैं और बुनियादी सुविधाओं का टोटा है। भिवानी जैसे जिले, जहां ग्रामीण इलाकों से मरीज बड़ी संख्या में आते हैं, वहां ऐसी घटनाएं स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल खड़े कर रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्टाफ की कमी और प्रोत्साहन की कमी के कारण यह समस्या बढ़ रही है, लेकिन सख्त कार्रवाई ही इसका समाधान है।

जनता की प्रतिक्रिया: गुस्सा और निराशा

अस्पताल पहुंचे मरीजों और तीमारदारों ने इस घटना पर गहरा रोष जताया। एक बुजुर्ग मरीज ने बताया, “हम दूर-दूर से आते हैं, लेकिन डॉक्टर गायब मिलते हैं। वेतन काटने से क्या फर्क पड़ेगा, जब तक सिस्टम में सुधार न हो।” वहीं, स्थानीय निवासियों ने स्वास्थ्य मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। विपक्षी दलों ने भी इसे राज्य सरकार की नाकामी बताते हुए विधानसभा में मामला उठाने का ऐलान किया है।

आगे क्या? सुधार के उपाय

स्वास्थ्य विभाग ने अब सभी जिलों में समानांतर निरीक्षण अभियान चलाने का फैसला किया है। सीएमओ डॉ. शांडिल्य ने कहा कि अगले कुछ दिनों में अन्य अस्पतालों का भी चेक होगा और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। विभाग ने स्टाफ को चेतावनी दी है कि बायोमेट्रिक अटेंडेंस के साथ-साथ वास्तविक उपस्थिति अनिवार्य होगी। साथ ही, मरीजों की सुविधा के लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय करने की योजना है।

यह घटना हरियाणा के स्वास्थ्य तंत्र की कमजोरियों को उजागर करती है। क्या यह कार्रवाई लापरवाही पर लगाम लगाएगी या फिर यह एक रस्म अदायगी साबित होगी? आने वाले दिनों में इसका असर साफ दिखेगा। मरीजों की जान बचाना सरकार की जिम्मेदारी है, और इसके लिए स्टाफ की जवाबदेही सुनिश्चित करनी ही होगी।

(यह रिपोर्ट न्यूज18 हिंदी के विशेष संवाददाता द्वारा तैयार की गई है। अधिक जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग की आधिकारिक वेबसाइट haryanahealth.gov.in पर जाएं।)

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