जामनगर, 12 सितंबर 2025 – गुजरात की PVC और CPVC पाइप निर्माता कंपनी विगोर प्लास्ट इंडिया लिमिटेड ने आज NSE SME प्लेटफॉर्म पर अपनी शानदार शुरुआत की। कंपनी के शेयर ₹81 के इश्यू प्राइस के मुकाबले ₹85 पर लिस्ट हुए, जो 5% प्रीमियम दर्शाता है। लिस्टिंग के बाद शेयर ने दिन के दौरान ₹89 का उच्च स्तर छुआ, जिससे शुरुआती निवेशकों को 10% का मुनाफा मिला। यह मजबूत शुरुआत कंपनी के विकास की संभावनाओं में बाजार के भरोसे को दर्शाती है।
IPO का विवरण
विगोर प्लास्ट का IPO 4 से 9 सितंबर 2025 तक खुला था। यह ₹25.10 करोड़ का फंड जुटाने वाला इश्यू था, जिसमें 24,99,200 शेयरों का ताजा इश्यू (₹20.24 करोड़) और 6,00,000 शेयरों का ऑफर फॉर सेल (₹4.86 करोड़) शामिल था। प्राइस बैंड ₹77-₹81 था, और न्यूनतम लॉट साइज 1,600 शेयर थी, जिसके लिए रिटेल निवेशकों को ₹1,29,600 का न्यूनतम निवेश करना था। IPO को 3.88 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) से 7 गुना, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) से 4 गुना और रिटेल निवेशकों से 2.5 गुना आवेदन आए। कंपनी ने एंकर निवेशकों से ₹7.08 करोड़ जुटाए थे।
जिन निवेशकों को 1,600 शेयरों का एक लॉट मिला, वे ₹85 के लिस्टिंग प्राइस पर और ₹89 के उच्च स्तर पर बेचकर लगभग ₹6,400 का मुनाफा कमा सकते थे।
कंपनी का परिचय
2014 में स्थापित विगोर प्लास्ट इंडिया ने शुरुआत में PVC पाइप्स और फिटिंग्स के ट्रेडिंग से की थी और 2020 से मैन्युफैक्चरिंग शुरू की। कंपनी CPVC, UPVC, SWR और कृषि PVC पाइप्स व फिटिंग्स बनाती है, जो प्लंबिंग, सीवेज, सिंचाई और औद्योगिक क्षेत्रों में उपयोगी हैं। गुजरात के डारेड में कंपनी का 1,60,000 वर्ग फुट का ऑटोमेटेड प्लांट है, जो BIS सर्टिफाइड है। कंपनी के पास राजकोट, जामनगर, सूरत और अहमदाबाद में चार वेयरहाउस हैं और 25 राज्यों में 440 डिस्ट्रीब्यूटर्स का नेटवर्क है। ऑर्डर के लिए कंपनी “विगोर इंडिया प्लास्ट” नामक एंड्रॉयड ऐप का उपयोग करती है। कंपनी नेपाल को निर्यात भी करती है और जून 2025 तक इसके 81 कर्मचारी थे। कंपनी का लक्ष्य FY26 में ₹100 करोड़ का टर्नओवर हासिल करना है।
वित्तीय प्रदर्शन
विगोर प्लास्ट की वित्तीय स्थिति मजबूत रही है। FY25 में कंपनी का रेवेन्यू 8% बढ़कर ₹46.02 करोड़ हो गया, जो FY24 में ₹42.52 करोड़ था। शुद्ध मुनाफा (PAT) 76% की उछाल के साथ ₹5.15 करोड़ रहा, और EBITDA ₹12.085 करोड़ दर्ज किया गया। हालांकि, जुलाई 2025 तक कंपनी पर ₹16.47 करोड़ का कर्ज था। IPO से प्राप्त ₹11.39 करोड़ का उपयोग कर्ज चुकाने, ₹3.80 करोड़ नए वेयरहाउस के लिए और शेष राशि सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
बाजार की संभावनाएं और जोखिम
कंपनी का मजबूत वितरण नेटवर्क, ऑटोमेटेड मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल ऑर्डर सिस्टम इसे भारत के बुनियादी ढांचा विकास और प्लास्टिक पाइप्स की बढ़ती मांग का लाभ उठाने की स्थिति में लाता है। हालांकि, विश्लेषकों ने कच्चे माल (PVC रेजिन) की कीमतों में उतार-चढ़ाव, उच्च कर्ज स्तर और प्लास्टिक पर पर्यावरणीय नियमों के जोखिमों की चेतावनी दी है। SME सेगमेंट की अस्थिरता भी निवेशकों के लिए सावधानी बरतने की सलाह देती है।
निवेशकों का रुझान
5% लिस्टिंग प्रीमियम और ₹89 तक की तेजी निवेशकों में सतर्क आशावाद को दर्शाती है। मार्केट एनालिस्ट प्रिया शर्मा ने कहा, “लिस्टिंग का प्रदर्शन उत्साहजनक है, लेकिन SME IPO में अस्थिरता ज्यादा होती है। निवेशकों को कंपनी के मूल सिद्धांतों और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में दीर्घकालिक विकास पर ध्यान देना चाहिए।”
कर्ज कम करने और क्षमता विस्तार के लिए फंड के उपयोग से विगोर प्लास्ट इंडिया की विकास संभावनाएं मजबूत दिखती हैं, लेकिन इसका सफल होना परिचालन जोखिमों को प्रबंधित करने और वित्तीय गति को बनाए रखने पर निर्भर करेगा। निवेशकों को दीर्घकालिक निवेश से पहले गहन शोध करने की सलाह दी जाती है।
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