• निफ्टी आज 124.30 अंक घटकर 21,930.75 पर पहुंचा
  • सेंसेक्स आज 364.38 अंक घटकर 72,258.71 पर पहुंचा
  • यमुनानगर में 25 को यमुना के घाटों की सफाई करेंगे सेवादार : बलदेव सिंह
  • दलितों के बीच राम मंदिर का जिक्र कम करेगी भाजपा:केंद्रीय योजनाओं पर रखेगी फोकस; चुनाव के लिए अलग-अलग वर्गों के हिसाब से बनाई रणनीति
  • वे हमें दिल्ली नहीं आने दे रहे, हम भी गांव में कील लगा देंगे...लोकसभा चुनाव से पहले गरजे राकेश टिकैत
  • Farmers Protest: कृषि मंत्री Arjun Munda का MSP पर चौंकाने वाला बयान
  • Loksabha Election 2024: खजुराहो लोकसभा सीट से वीडी शर्मा के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारेगी कांग्रेस
  • भारत को अकड़ दिखा रहा मालदीव लेकिन जमकर ले रहा फायदा
  • यूक्रेन युद्ध: पश्चिम देशों के सामने बड़ी मुश्किल, सहायता बढ़ाएं, समझौता करें, या रूस से अपमान सहें
  • यमुनानगर में बस में चढ़ते समय व्यक्ति का पर्स चोरी, केस
  • राजधानी एक्सप्रेस में सवार था साधारण सा दिखने वाला शख्स, GRP ने ली तलाशी तो हैरान रह गए अफसर
  • चीन के जासूसी जहाज ने नापा हिंद महासागर, मालदीव में लंगर डालेगा, मुइज्‍जू ने भारत का विरोध किया दरकिनार
  • राजा भैया से मिलने उनके घर पहुंचे यूपी बीजेपी अध्यक्ष
  • सीएम की बात नहीं मान रहे केके पाठक... विपक्ष ने खोला ACS के खिलाफ मोर्चा तो झल्ला गए नीतीश कुमार
  • झारखंड में जातीय जनगणना को सीएम चंपाई सोरेन की मंजूरी, कार्मिक विभाग को मिली जिम्मेवारी
  • Gujarat: ग्रामीण गए थे सोने की तलाश में... मिल गया प्राचीन 'खजाना', कच्छ में मिले हड़प्पा के बेशकीमती अवशेष

Jag Khabar

Khabar Har Pal Kee

GOA

गोवा (Goa) के प्रसिद्ध आकर्षण और घूमने की जगहें

Famous Attractions and Places to Visit in Goa

गोवा भारत का सबसे छोटा राज्य है तथा अपनी वास्तुकला और समुन्द्र तटों के कारण यह राज्य विश्व प्रसिद्ध है। गोवा पर पुर्तगालियों ने लगभग 450 वर्षो तक राज किया। जब गोवा भारतीय प्रशासन को सौंपा गया, तब दमन और दीव (Daman and Diu) के साथ मिलाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। 19 दिसंबर 1961 में यह राज्य भारतीय प्रशासन को सौंपा गया था।

संस्कृत के बहुत से पुराने स्त्रोतों, ग्रंथों, हरिवंशम और स्कंद पुराण के अनुसार गोवा राज्य को पहले गोपकपुरी और गोपकपट्टन के नाम से संबोधित किया जाता था और दक्षिण कोंकण क्षेत्र में इस राज्य को औरगोमंत, गोवाराष्ट्र, गोवापुरी व गोअंचल के नाम से सम्बोधित किया जाता है।

गोवा में बहुत से प्राकृतिक और आकर्षक स्थान, बीच, द्वीप इत्यादि मौजूद है। इनमें से कुछ विशेष स्थानों का वर्णन नीचे किया है।

अगुआड़ा फोर्ट (Aguada Fort)

भारत के पश्चिमी तट पर स्थित गोवा राज्य में अगुआड़ा फोर्ट बहुत ही प्रसिद्ध है। यह गोवा के प्रमुख पर्यटक स्थलों में आता है। यह स्थान अपने प्राकृतिक और ऐतिहासिक सुंदर दृश्यों के लिए पूरे विश्व में विख्यात है। यह किला लगभग 400 साल पुराना है, यह स्थान यहां की ऐतिहासिक विरासत भी है।

अगुआड़ा फोर्ट1

पुर्तगाली भाषा में अगुआड़ा शब्द का मतलब ताजा या मीठा पानी होता है तथा इस किलें में स्थित मीठे पानी के झरने के कारण ही इसका नाम अगुआड़ा किला पड़ा।

अगुआड़ा फोर्ट बनाने की शुरुआत 1609 में पुर्तगालियों ने की थी। उस समय इस प्रदेश पर पुर्तगालियों का ही राज था। इसके निर्माण का कार्य लगभग 3 वर्षो तक चलता रहा।

इस किले का बाकि का कार्य सन 1612 में वायसराय रूय तवारा की निगरानी में पूरा हुआ। इतना ही नहीं, सन 1864 में इस स्थान पर चार मंजिल का लाइटहाउस भी बनवाया गया था। यह लाइटहाऊस विदेशों से आने वाले जहाजों के लिए निर्देश बिंदु के रूप में काम करता था।

इस किले में एक बहुत पुरानी जेल भी है और यह जेल गोवा राज्य की बड़ी जेलों में से एक है।

कोलवा बीच (Colva Beach)

अगुआड़ा फोर्ट से 48 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोलवा बीच (Beach) बहुत ही मशहूर है। कोलवा बीच गोवा के काफी पुराने समुंद्री तटों में से एक है। यह स्थान बहुत ही शांत और काफी जगह में फैला हुआ है।

कोलवा बीच

कोलवा बीच दक्षिणी गोवा में स्थित है। गोवा के अन्य बीचों की अपेक्षा कोलवा बीच अत्यधिक सुंदर है। यहां पर काफी पुराने समय से सफेद रेत मौजूद है, जो फोटोशूट के लिए बहुत ही मशहूर है। यहां पर जगह-जगह नारियल के पेड़ भी लगे हुए है, जोकि बहुत ही खूबसूरत व आकर्षक है।

1510 से 1961 तक इस इलाके पर पुर्तगालियों का शासन था। उस समय यह अनुक्षेत्र पुर्तगाली परिवार के गांव के नाम से जाना जाता था। 1551 में यहां पुर्तगाली वास्तुशैली से बने घरों का निर्माण कराया गया। उस समय इस स्थान का नाम प्राईआ दा कोलवा हुआ करता था।

पाउडर जैसी सफेद रेत, वाटर स्पोर्ट्स, रंगारंग नाईट लाइफ, पारंपरिक आभूषण, 9 गज लंबी साड़ी, बेनौलिम गांव और समुद्र तट, चटक और शोख रंगों के कपडे, कुनबी पल्लू , क्लब मार्गरीटा इत्यादि कोलवा में बहुत ही मशहूर है।

दूधसागर जलप्रपात (Dudhsagar Falls)

दूधसागर जलप्रपात, भारत देश के गोवा राज्य और कर्नाटक राज्य की सीमांत में मंडोवी नदी पर चार-स्तरीय जलप्रपात अवस्थित है। जलप्रपात को सोपानी पात भी कहा जाता है। भारत के सबसे खूबसूरत झरनों में यह झरना पांचवें स्थान पर है। हमारे भारत देश के सबसे ऊंचे झरनों में से एक दूधसागर जलप्रपात की ऊंचाई लगभग 310 मीटर या 1017 फुट तथा इसकी औसत चौड़ाई 30 मीटर या 100 फुट है।

दूधसागर जलप्रपात, कोलवा बीच से लगभग 56 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

दूधसागर जलप्रपात

यह जलप्रपात एक समृद्ध जैव विविधता से परिपूर्ण है और पर्णपाती जंगलों से भी घिरा हुआ है। शुष्क मौसम की कालावधि में यह जलप्रपात काफी सुखा दिखने लगता है परन्तु मानसून की ऋतु में इसमें पानी का स्तर बढ़ जाता है, तब यह बहुत ही शानदार और वैभवशाली रूप में दिखाई देता है, कारण यह है कि इस झरने का पानी ऊंचाई से चट्टानों पर गिरते हुए दूध की भांति सफेद लगता है इसीलिए इस झरने को दूधसागर जलप्रपात के नाम से जाना जाता है।

नौसेना उड्डयन संग्रहालय (Naval Aviation Museum)

Naval Aviation Museum (नौसेना उड्डयन संग्रहालय) भारत के मशहूर संग्रहालयों में से एक है। यह गोवा राज्य के बोग्मालो गांव में स्थित है। इस म्यूजियम में अनेकों भारत व अंतरराष्ट्रीय प्राचीन युद्धों की जानकारी दी गयी है। इस सामरिक इतिहास संग्रहालय की स्थापना 1947 में की गई थी।

यह संग्रहालय, दूधसागर जलप्रपात से 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

नौसेना उड्डयन संग्रहालय

सैन्य संग्रहालय मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया गया है। पहला, बाहर का सुंदर प्रदर्शन है और एक अंदर की ओर दो मंजिल की गैलरी है। इसके अलावा एक सैन्य संग्रहालय दिल्ली के पालम गांव में भी स्थित है।

भारतीय नौसेना वायुदल संग्रहालय में बाहरी ओर एक विशाल और सुंदर पार्क बना हुआ है, जिसमे नौसेना के डिकम्प्रेशन वाले विमान दिखाए गए है, इन विमानों में से कुछ विमान सन 1940 से भी पहले के है। यहां एक शेड पर विभिन्न विमानों के इंजनों को भी दिखाया गया है।

ये विमान इस प्रकार से है –

  • सी हैरियर FRS.51 (621)
  • लॉकहीड L1049G सुपर नक्षत्र (315)
  • कामोव का-25 (573)
  • वेस्टलैंड सी किंग एमके 42
  • ह्यूजेस हू 300
  • डी हैविलैंड डोव (124)
  • ब्रेगेट अलिजे (202)
  • हॉकर सी हॉक एफजीए एमके 100 (234)
  • डी हैविलैंड वैम्पायर टी -55 (149)
  • एचएएल एचटी -2 (बीएक्स 748)
  • शॉर्ट सीलैंड एमके 2 (106) इत्यादि।

बासिलिका ऑफ़ बोम जीसस (Basilica of Bom Jesus)

बासिलिका ऑफ़ बोम जीसस भारत के कोंकण क्षेत्र में गोवा राज्य में स्थित एक रोमन कैथोलिक बेसिलिका है। गोवा में सभी चर्च यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूचीपत्रों में निहित है, यह चर्च भी उनमें से एक है। इस चर्च में सेंट फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों (डेड बॉडी) को रखा गया है।

यह चर्च, नौसेना उड्डयन संग्रहालय से 25.6 किलोमीटर दूर है।

बासिलिका ऑफ़ बोम जीसस

चूंकि यह गोवा की बहुत पुरानी चर्च है इसलिए इस चर्च को ‘ओल्ड चर्च’ के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि सेंट फ्रांसिस जेवियर सेंट, इग्नेशियस लोयोला के काफी सभ्य या अच्छे मित्र थे और उन्हीं के साथ मिलकर उन्होनें सोसाइटी ऑफ जीसस (जेसुइट्स) की स्थापना की थी। यह चर्च वर्ष 1594 ई में पुराने गोवा में बनाया गया था और 1605 में इसे संरक्षित कर दिया गया।

इस चर्च का बाहरी हिस्सा काले ग्रेनाइट से तैयार किया गया है, जिसमे बारोक वास्तुकला निहित है। इसके अंदर 54 फीट ऊँचा तथा 30 फीट चौड़ा एक ऑल्टर है। यहां पर जीसस क्राइस्ट की बाल्यावस्था की मूर्ति भी स्थापित है, जिस पर सोने की परत है इतना ही नहीं, इसके ऊपर ‘जेसुइट ऑर्डर’ नाम के केथोलिक सोसाईटी के प्रतिष्ठापक ‘सेंट इग्नाटियस लोयला’ की मूर्ति भी है।

सेंट फ्रांसिस जेवियर का मकबरा, मॉडर्न आर्ट गैलरी, बोम जीसस का प्रोफेसेड हाउस, बोम जीसस की वास्तुकला इत्यादि इस चर्च के प्रमुख आकर्षण है।

श्री मंगेश संस्थान (Shree Mangesha temple)

भारत के गोवा राज्य के दक्षिण में स्थित पोण्डा तालुका नामक जिले के उपखंड में मंगेशी गाँव में बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर श्री मंगेश मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि श्री मंगुशी गौड़ जी सारस्वत ब्राह्मण के कुलदेव कहे जाते है। श्री कवले मठ के परम पूजनीय श्रीमद स्वामीजी श्री मंगेश संस्थान, मंगेशी के आध्यात्मिक मुख्य माने जाते है।

यह मंदिर, बासिलिका ऑफ़ बोम जीसस चर्च से 11.5 किलोमीटर दूर है।

श्री मंगेश संस्थान

श्री मंगेश मंदिर, गोवा के सबसे अधिक देखें जाने वाले मंदिरों में से एक है और यह मंदिर यहाँ के सबसे बड़े मंदिरों में भी आता है। भगवान शिव के अवतार भगवान श्री मंगेश की लोगों में बहुत ही आस्था है, जिस कारण यहां पर बड़े पैमाने पर भीड़ होती है। इस मंदिर में भगवान श्री मंगेश की शिव लिंग के रूप में पूजा की जाती है।

यह मंदिर 450 वर्षो से भी अधिक पुराना है। वर्ष 1890 में, मराठों के शासन की कालावधि में इस मंदिर का निर्माण किया गया। वर्ष 1973 में इस मंदिर में कई प्रकार के नवपरिवर्तन किए गए। यह मंदिर सुंदर सरचनाओं से परिपूर्ण है तथा इस मंदिर में कई प्रकार के गुंबद, स्तंभ और बेलस्ट्रेड उपस्थित है। इसमें बहुत ही सुंदर नंदी बैल की मूर्ति है। इसी के साथ एक सुंदर सात मंजिला दीपस्तंभ या दीपक टॉवर भी इस मंदिर के अंदर विद्यमान है। इतना ही नहीं, 19वीं शताब्दी के समय के प्राचीन झूमर भी इस मंदिर में मौजूद है और बहुत ही विशाल सभा ग्रह, जो 600 से भी अधिक लोगों के लिए है।

बागा बीच (Baga Beach)

गोवा राज्य में उत्तर की ओर स्थित बागा बीच बहुत ही मशहूर है। यह कालान्गुते बीच के पास ही स्थित है। बागा बीच पर सभी चीजें आसानी से मिल जाती है। इस बीच पर विश्वसनीय जर्मन बेकरी भी है। यहां पर बहुत दूर-दूर से लोग घूमने आते है। यहां पर बागा मार्किट भी है, जहां आप खरीददारी कर सकते है।

बागा बीच, श्री मंगेश संस्थान से 35.9 किलोमीटर दूर स्थित है।

बागा बीच

बागा बीच का नाम बागा क्रीक के नाम पर पड़ा है। यह बीच बहुत ही मनोरंजक है, क्योंकि यहां पर सुबह हो या शाम हो हर समय यहां का वातावरण लोगों का अतिप्रिय होता है। यहां बच्चों के लिए फन पार्क भी है, जिसमें बच्चों से संबंधित सभी मनोरंजक वस्तुएं उपलब्ध है।

बागा बीच पर वाटर स्पोर्ट्स, मानसून फन पार्क, रेस्टोरेंट, मार्केट और आसपास की अन्य घूमने की जगह बहुत लोकप्रिय है।

Please follow and like us:
icon Follow en US
Pin Share

About Author

.

RSS
Follow by Email
X (Twitter)
Visit Us
YouTube
Instagram