देहरादून, 16 सितंबर 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और उसके आसपास के क्षेत्रों में 15 सितंबर की रात से हो रही भारी बारिश और बादल फटने (क्लाउडबर्स्ट) ने भयंकर तबाही मचा दी है। तमसा नदी (Tamsa River) उफान पर आ गई, जिससे सहस्रधारा (Sahastradhara), मालदेवता (Maldevta), प्रेम नगर (Prem Nagar) और आईटी पार्क जैसे इलाकों में बाढ़ आ गई। कई दुकानें, घर, सड़कें और पुल बह गए, जबकि तपकेश्वर महादेव मंदिर (Tapkeshwar Mahadev Temple) में पानी घुस गया। इस आपदा में कम से कम 5 लोग नदियों में बह गए, 2-3 लोग लापता बताए जा रहे हैं, और मसूरी (Mussoorie) में एक मौत की खबर की पुष्टि हो रही है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, अप्रैल से अब तक मॉनसून से जुड़ी आपदाओं में कुल 85 मौतें, 128 घायल और 94 लापता हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 25-30 जगहों पर सड़कें पूरी तरह बह गई हैं, घरों और सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने धामी से फोन पर बात की और केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देहरादून, चंपावत, बागेश्वर और नैनीताल के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
घटना का विवरण: रातभर की बारिश ने मचाई तबाही
- बादल फटना और बाढ़: 15 सितंबर की रात करीब 11 बजे सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फटने से तमसा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। मलबा बहकर मुख्य बाजार में घुस गया, जिससे कई होटल, दुकानें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मालदेवता में 100 मीटर लंबी सड़क धंस गई, जबकि देहरादून-हरिद्वार नेशनल हाईवे पर फन वैली (Fun Valley) और उत्तराखंड डेंटल कॉलेज के पास पुल बह गया। ऋषिकेश (Rishikesh) में चंद्रभागा नदी (Chandrabhaga River) उफान पर आने से हाईवे पर पानी भर गया और रेलवे लाइन प्रभावित हुई।
- मंदिर पर असर: तपकेश्वर महादेव मंदिर के आंगन में पानी भर गया, जो हनुमान मूर्ति तक पहुंच गया, लेकिन गर्भगृह सुरक्षित रहा। मंदिर प्रबंधन ने तुरंत सफाई शुरू कर दी।
- लोगों पर प्रभाव: एक वीडियो में प्रेम नगर में एक व्यक्ति बाढ़ के तेज बहाव से बचने के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ गया, जिसे एनडीआरएफ (NDRF) ने बचाया। आईटी पार्क और प्रेम नगर जैसे इलाकों में कई घर जलमग्न हो गए।
मौतें, लापता और बचाव कार्य
- मौतें और लापता: तपकेश्वर, डीआईटी कॉलेज क्षेत्र, राजपुर शिखर फॉल्स और भगत सिंह कॉलोनी में कम से कम 5 लोग नदियों में बह गए। सहस्रधारा में 2-3 लोग लापता हैं, जिनमें से कुछ को बहते देखा गया। मसूरी में एक मजदूर की मौत की पुष्टि हो रही है। कुल मिलाकर, हालिया घटना में 1 पुष्ट मौत और 2-5 लापता की खबरें हैं, लेकिन आंकड़े अभी सत्यापित हो रहे हैं।
- राहत और बचाव: एसडीआरएफ (SDRF), एनडीआरएफ, पुलिस और सेना की टीमें सक्रिय हैं। 300-400 लोगों को सुरक्षित स्थानांतरित किया गया। ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी से 3 लोगों को बचाया गया। श्री देव भूमि इंस्टीट्यूट (Shri Dev Bhoomi Institute) में 100 छात्रों को जलमग्न कैंपस से निकाला गया। रायपुर के पंचकुली में 30 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने का अभियान चल रहा है। जियो न्यूज और एनडीटीवी के अनुसार, ट्रैक्टर-ट्रॉली समेत 10 लोग बहाव में बह गए, लेकिन बचाव जारी है।
- शिक्षा संस्थान बंद: देहरादून जिले में कक्षा 1 से 12 तक सभी स्कूल और अंगनवाड़ी केंद्र आज बंद रहे।
सीएम धामी का दौरा और प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री धामी ने सहस्रधारा, रायपुर, केसरवाला (Kesarwala) और मालदेवता का दौरा किया। उन्होंने जेसीबी मशीन पर चढ़कर नुकसान का जायजा लिया और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की। एएनआई को दिए बयान में धामी ने कहा, “रात भर की भारी बारिश से सभी नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर बादल फटे हैं। 25-30 जगहों पर सड़कें बह गई हैं, घरों को भारी नुकसान हुआ है। हम युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। पीएम मोदी और गृह मंत्री शाह ने फोन पर जानकारी ली और हर मदद का आश्वासन दिया।” सोशल मीडिया पर धामी ने पोस्ट किया: “सहस्रधारा में रात को भारी बारिश से दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रशासन, एसडीआरएफ और पुलिस राहत में लगे हैं। मैं स्थिति पर नजर रख रहा हूं।”
केंद्र सरकार का सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने धामी से विस्तृत जानकारी ली और राहत कार्यों में सहायता का भरोसा दिया। गृह मंत्री शाह ने भी फोन पर बात की। 11 सितंबर को पीएम ने देहरादून का दौरा कर ₹1,200 करोड़ की सहायता पैकेज घोषित की थी, जो अब इस आपदा में भी लागू होगी।
मौसम पूर्वानुमान और सलाह
IMD ने रेड अलर्ट जारी किया है, जिसमें देहरादून समेत चार जिलों में भारी बारिश, बिजली चमकने और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। अगले 24 घंटों में स्थिति और बिगड़ सकती है। आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से नदियों के किनारे न जाने, निचले इलाकों से दूर रहने और अलर्ट मोड पर रहने की सलाह दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में संचार बाधित है।
प्रभावित क्षेत्रों का सारांश (तालिका)
| क्षेत्र | मुख्य नुकसान | मौतें/लापता | बचाव कार्य |
|---|---|---|---|
| सहस्रधारा (Sahastradhara) | दुकानें-होटल बह गईं, तमसा नदी उफान; मंदिर प्रभावित | 2-3 लापता | एसडीआरएफ ने 100+ बचाया; खोज जारी |
| मालदेवता (Maldevta) | 100 मीटर सड़क धंसी, पुल क्षतिग्रस्त | कोई पुष्टि नहीं | सड़क बहाली; 30 लोग फंसे |
| प्रेम नगर (Prem Nagar) | बाढ़ में लोग फंसे, बिजली खंभा पर चढ़ना पड़ा | 1-2 बह गए | एनडीआरएफ ने व्यक्ति बचाया |
| मसूरी (Mussoorie) | भूस्खलन, देहरादून-मसूरी मार्ग बाधित | 1 मौत (सत्यापन) | 300-400 विस्थापित |
| ऋषिकेश (Rishikesh) | चंद्रभागा नदी से हाईवे जलमग्न, रेल प्रभावित | कोई पुष्टि नहीं | 3 लोगों को बचाया; 500 निकाले |
यह आपदा उत्तराखंड में मॉनसून की मार को दर्शाती है, जहां जलवायु परिवर्तन के कारण बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थिति तेजी से बदल रही है, इसलिए नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक स्रोत जैसे उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग या सीएमओ की वेबसाइट देखें। यदि कोई विशिष्ट जानकारी चाहिए, तो बताएं।
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