केदारनाथ यात्रा में श्रद्धा का सैलाब: 16.56 लाख श्रद्धालुओं ने तोड़ा रिकॉर्ड, कपाट बंद होने से पहले ही नया इतिहास रचा
देहरादून, 9 अक्टूबर 2025 (विशेष संवाददाता): उत्तराखंड के हिमालयी कुंओं में बसे भगवान शिव के पवित्र धाम केदारनाथ ने इस साल भक्ति की एक अनुपम मिसाल कायम की है। चारधाम यात्रा के इस सत्र में केदारनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने नया रिकॉर्ड गढ़ दिया है। बुधवार शाम तक यहां दर्शन करने वालों की कुल संख्या 16 लाख 56 हजार 539 हो चुकी है, जबकि मंदिर के कपाट बंद होने में अभी 14 दिन बाकी हैं। यह आंकड़ा पिछले साल (2024) के पूरे यात्रा काल के रिकॉर्ड 16 लाख 52 हजार 76 को पीछे छोड़ चुका है।
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग और श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से अब तक यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई है। मंदिर समिति के एक अधिकारी ने बताया, “प्राकृतिक आपदाओं जैसे भारी बारिश और बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। बुधवार को ही 5,614 भक्तों ने बाबा केदार के दर्शन किए।” कपाट 23 अक्टूबर को भाई दूज के शुभ अवसर पर बंद होंगे, ऐसे में अनुमान है कि कुल संख्या 17 लाख के पार पहुंच सकती है।
यात्रा की शुरुआत: आस्था का अभूतपूर्व सैलाब
चारधाम यात्रा का आगाज 30 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने से हुआ। उसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ के द्वार भक्तों के लिए खुले। शुरूआती दिनों में ही यात्रियों का तांता लग गया। जून के अंत तक मात्र 42 दिनों में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच चुके थे, जो एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड था। जुलाई में भारी वर्षा और भूस्खलन जैसी चुनौतियों के बावजूद आस्था ने रफ्तार पकड़ी। सितंबर में मौसम सुधरते ही संख्या 15 लाख के पार हो गई।
इस साल की यात्रा में विशेष बात यह रही कि विदेशी पर्यटक और युवा पीढ़ी की भागीदारी बढ़ी। दिल्ली, मुंबई, गुजरात और दक्षिण भारत से विशेष ट्रेनें चलाई गईं, जबकि हेलीकॉप्टर सेवाओं ने दुर्गम रास्तों को आसान बनाया। एक 65 वर्षीय श्रद्धालु रामेश्वर पांडे ने बताया, “बर्फीली चोटियों के बीच ‘हर हर महादेव’ का जयकारा गूंजना ही जीवन का सार है। इस बार की यात्रा ने मेरी आस्था को और मजबूत कर दिया।”
चारधाम में कुल 47 लाख से अधिक दर्शन: समग्र समीक्षा
केवल केदारनाथ ही नहीं, बल्कि चारों धामों में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा है। 8 अक्टूबर तक जारी आंकड़ों के मुताबिक:
- केदारनाथ: 16,56,539
- बद्रीनाथ: लगभग 14 लाख
- गंगोत्री: 8 लाख से अधिक
- यमुनोत्री: 7 लाख से अधिक
कुल मिलाकर 47 लाख 29 हजार 555 श्रद्धालुओं ने चारधाम यात्रा पूरी की। यह संख्या 2024 के पिछले रिकॉर्ड को भी ध्वस्त करती है। हेमकुंड साहिब और अमरनाथ यात्रा को मिलाकर कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 60 लाख के करीब पहुंच चुकी है।
| धाम | 2025 की संख्या (लगभग) | 2024 का रिकॉर्ड | वृद्धि (%) |
|---|---|---|---|
| केदारनाथ | 16.56 लाख | 16.52 लाख | +0.25 |
| बद्रीनाथ | 14 लाख | 13.5 लाख | +3.7 |
| गंगोत्री | 8 लाख | 7.8 लाख | +2.5 |
| यमुनोत्री | 7 लाख | 6.9 लाख | +1.4 |
| कुल चारधाम | 47.29 लाख | 45 लाख | +5.1 |
चुनौतियां और प्रशासनिक प्रयास: सुरक्षा पहले
यात्रा के दौरान भारी बारिश, भूस्खलन और बर्फीले तूफानों ने कई बार रुकावटें डालीं। जून-जुलाई में रुद्रप्रयाग और सोनप्रयाग मार्ग पर भूस्खलन से दर्जनों यात्री फंस गए थे। लेकिन उत्तराखंड सरकार और एसडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई से कोई बड़ी घटना नहीं हुई। मंदिर समिति ने पंजीकरण अनिवार्य कर यात्रियों की संख्या नियंत्रित की, जबकि स्वास्थ्य शिविर, ऑक्सीजन सिलेंडर और आपातकालीन हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध कराईं। पर्यटन मंत्री सत्येंद्र सिंह ने कहा, “यह रिकॉर्ड हमारी आस्था और बेहतर प्रबंधन का परिणाम है। आने वाले वर्षों में और सुविधाएं जोड़ी जाएंगी।”
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या से पहाड़ी पारिस्थितिकी पर दबाव बढ़ा है। इसलिए, ‘प्लास्टिक मुक्त यात्रा’ अभियान चलाया गया, जिसमें श्रद्धालुओं से इको-फ्रेंडली सामान ले जाने की अपील की गई।
भविष्य की संभावनाएं: नया अध्याय
इस रिकॉर्ड ने न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया। होटल, घोड़ा-सवारी और हेलीकॉप्टर सेवाओं से जुड़े कारोबारियों की आमदनी दोगुनी हो गई। 2026 की यात्रा के लिए पहले से ही पंजीकरण शुरू हो चुके हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि डिजिटल मार्केटिंग और बेहतर सड़क संपर्क से यह संख्या 20 लाख के पार जा सकती है।
केदारनाथ की यह यात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं, बल्कि आस्था, सहनशीलता और एकता का प्रतीक है। जैसे मंदाकिनी नदी की धारा कभी थमती नहीं, वैसे ही भक्तों का सैलाब भी अनंत है। जय भोलेनाथ!
(यह रिपोर्ट विभिन्न आधिकारिक स्रोतों और स्थानीय संवाददाताओं के आधार पर तैयार की गई है।)
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