अडानी समूह की फ्लैगशिप सीमेंट कंपनी अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 22 दिसंबर 2025 को दो अलग-अलग स्कीम्स ऑफ अमाल्गमेशन को मंजूरी दे दी है। इसके तहत सब्सिडियरी कंपनियां एसीसी लिमिटेड और ओरिएंट सीमेंट लिमिटेड को अंबुजा सीमेंट्स में मर्ज किया जाएगा। यह कदम अडानी ग्रुप के सीमेंट बिजनेस को पूरी तरह एकीकृत करने की दिशा में अंतिम बड़ा स्टेप है, जिससे एक सिंगल “वन सीमेंट प्लेटफॉर्म” बनेगा और पैन-इंडिया स्तर पर मजबूत सीमेंट पावरहाउस तैयार होगा।
यह विलय सांघी इंडस्ट्रीज और पेन्ना सीमेंट के पहले से चल रहे मर्जर प्रोसेस का हिस्सा है। सभी विलय पूरा होने पर अडानी ग्रुप की कुल सीमेंट उत्पादन क्षमता 107 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) हो जाएगी। कंपनी का लक्ष्य FY28 तक इसे बढ़ाकर 155 MTPA करने का है।
विलय की मुख्य वजह और फायदे (कंपनी के प्रेस रिलीज के अनुसार):
- नेटवर्क, ब्रांडिंग और सेल्स प्रमोशन खर्चों में भारी कमी: अलग-अलग कंपनियों के लिए डुप्लिकेट खर्च खत्म होंगे, जिससे लागत ऑप्टिमाइज होगी और मार्जिन में कम से कम ₹100 प्रति मीट्रिक टन की बढ़ोतरी होगी।
- ऑपरेशनल सिंर्जी और एफिशिएंसी: मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन और कमर्शियल फंक्शंस को एकीकृत किया जाएगा। इससे तेज डिसीजन मेकिंग, बेहतर रिसोर्स अलोकेशन और एडमिनिस्ट्रेटिव कॉस्ट में कटौती होगी।
- कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर सरल: अलग-अलग मैनेजमेंट सर्विस एग्रीमेंट (MSA) की जरूरत नहीं पड़ेगी। एसीसी, ओरिएंट, पेन्ना और सांघी पूरी तरह अंबुजा का हिस्सा बन जाएंगी।
- बैलेंस शीट मजबूत: डेट-फ्री स्ट्रक्चर से कैपिटल अलोकेशन बेहतर होगा, ग्रोथ के लिए फंड्स आसानी से इस्तेमाल हो सकेंगे।
- ESG और सस्टेनेबिलिटी: एकीकृत ESG फ्रेमवर्क से रिन्यूएबल एनर्जी, लो-कार्बन सीमेंट और सस्टेनेबल प्रैक्टिसेस को तेजी से अपनाया जा सकेगा।
- मार्केट लीडरशिप: अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी कंपनियों से मुकाबले में मजबूती, प्रीमियम ब्रांड्स की सेल्स बढ़ाने और हाई-ग्रोथ रीजन में फोकस।
विलय के बाद अंबुजा और एसीसी के ब्रांड्स अपने-अपने रीजनल मार्केट में जारी रहेंगे (Adani Ambuja Cements और Adani ACC के रूप में)।
शेयर स्वैप रेशियो (वैल्यूएशन इम्प्लिकेशन):
- एसीसी शेयरहोल्डर्स के लिए: हर 100 एसीसी शेयर (फेस वैल्यू ₹10) के बदले 328 अंबुजा शेयर (फेस वैल्यू ₹2) मिलेंगे।
- यह रेशियो मार्केट प्राइस के करीब न्यूट्रल है (ACC शेयरहोल्डर्स को ~0-0.3% डिस्काउंट पर वैल्यूएशन)।
- ओरिएंट सीमेंट शेयरहोल्डर्स के लिए: हर 100 ओरिएंट शेयर (फेस वैल्यू ₹1) के बदले 33 अंबुजा शेयर (फेस वैल्यू ₹2) मिलेंगे।
- यह रेशियो ~9% प्रीमियम पर है (माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स को फायदा)।
स्वैप रेशियो आर्म्स लेंथ बेसिस पर तय किया गया है। विलय में कोई कैश पेमेंट नहीं होगा, सिर्फ शेयर स्वैप।
महत्वपूर्ण डेट्स और टाइमलाइन:
- एसीसी के लिए अपॉइंटेड डेट: 1 जनवरी 2026।
- ओरिएंट सीमेंट के लिए अपॉइंटेड डेट: 1 मई 2025 (रेट्रोस्पेक्टिव)।
- पूरा होने की उम्मीद: अगले 12 महीनों में (शेयरहोल्डर्स, क्रेडिटर्स, SEBI, स्टॉक एक्सचेंज और NCLT की मंजूरी के अधीन)।
- CCI अप्रूवल की जरूरत नहीं: क्योंकि यह इंट्रा-ग्रुप ट्रांजेक्शन है।
- विलय पूरा होने के बाद प्रमोटर होल्डिंग (अडानी ग्रुप) अंबुजा में 67.65% से घटकर 60.94% हो जाएगी (सभी चल रहे मर्जर सहित)।
मार्केट रिएक्शन (23 दिसंबर 2025 तक):
- ओरिएंट सीमेंट: 5-10% तक तेजी (इंट्राडे हाई ₹179-180, क्लोज ~₹172-173) – प्रीमियम स्वैप रेशियो के कारण निवेशकों में उत्साह।
- अंबुजा सीमेंट्स: 2-4% उछाल (~₹549-563 तक) – लॉन्ग-टर्म सिंर्जी और स्ट्रक्चरल इम्प्रूवमेंट पर पॉजिटिव।
- एसीसी: फ्लैट से 1-2% गिरावट (~₹1,761-1,775) – न्यूट्रल स्वैप के कारण मिक्स्ड रिएक्शन।
ब्रोकरेज व्यूज:
- मॉर्गन स्टैनली: ओवरवेट रेटिंग, टारगेट ₹650 – मर्जर से ग्रुप स्ट्रक्चर सरल होगा, फाइनेंशियल रिपोर्टिंग आसान।
- JP मॉर्गन: पैन-इंडिया ऑपरेशंस से कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और प्रीमियम ब्रांड्स की सेल्स बढ़ेगी।
- मोतिलाल ओसवाल, एमके ग्लोबल: कुल मिलाकर पॉजिटिव, ओरिएंट शेयरहोल्डर्स को फायदा, ACC के लिए न्यूट्रल लेकिन अंबुजा के लिए लॉन्ग-टर्म बेनिफिट।
- कुल मिलाकर ब्रोकरेज इसे ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने वाला और अल्ट्राटेक से कॉम्पिटिशन में मजबूत बनाने वाला मान रही हैं।
यह विलय भारतीय सीमेंट इंडस्ट्री में बड़े कंसोलिडेशन की मिसाल है, जो अडानी ग्रुप को देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बनाए रखेगा। निवेश से पहले लेटेस्ट रेगुलेटरी अपडेट्स, फाइनेंशियल रिस्क और प्रोफेशनल एडवाइस जरूर चेक करें।
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