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After OBCs, BJP now sets its sights on Brahmins: Plan to woo them with the support of Vajpayee, Mukherjee, and Upadhyay – Detailed report

OBC के बाद अब ब्राह्मणों पर बीजेपी की नजर: वाजपेयी-मुखर्जी-उपाध्याय के सहारे साधने का प्लान – विस्तृत रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है। 2024 लोकसभा चुनाव में सीटें घटने के बाद बीजेपी ने सामाजिक समीकरणों को दुरुस्त करने की रणनीति अपनाई है। पहले गैर-यादव OBC वोटबैंक को मजबूत करने के लिए कुर्मी समाज से पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। अब पार्टी की नजर अपने कोर वोटबैंक ब्राह्मण समुदाय पर है। इसके लिए जनसंघ के तीन बड़े ब्राह्मण चेहरों – अटल बिहारी वाजपेयी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय – को प्रतीक बनाकर ब्राह्मणों को सियासी संदेश देने की योजना है।

मुख्य घटना: राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का उद्घाटन

  • 25 दिसंबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल का उद्घाटन करेंगे।
  • इस स्थल में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
  • तीनों नेता ब्राह्मण समाज के प्रमुख चेहरे थे और बीजेपी उन्हें अपना वैचारिक आधार मानती है।
  • पहले केवल अटल जी की प्रतिमा का प्लान था, लेकिन बाद में जनसंघ की जड़ों को जोड़ते हुए मुखर्जी और उपाध्याय को शामिल किया गया।
  • राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम ब्राह्मण वोटबैंक को मजबूत करने का सीधा संदेश है। 2024 लोकसभा में कुछ ब्राह्मण बहुल सीटों पर नाराजगी दिखी थी, जिसे दूर करने की कोशिश है।

ब्राह्मण वोटबैंक की अहमियत

  • उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण आबादी करीब 10-12% है।
  • 12 जिलों (बलरामपुर, बस्ती, संत कबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, जौनपुर, अमेठी, वाराणसी, चंदौली, कानपुर, प्रयागराज) में ब्राह्मण 15% से अधिक हैं।
  • CSDS-लोकनीति सर्वे के अनुसार:
  • 2022 विधानसभा चुनाव में 89% ब्राह्मण वोट बीजेपी को मिले।
  • 2017 में 83% ब्राह्मणों ने बीजेपी को समर्थन दिया।
  • ब्राह्मण वोट 100 से अधिक विधानसभा सीटों और 15 जिलों पर निर्णायक प्रभाव डालते हैं।
  • बीजेपी का कोर वोटबैंक होने के बावजूद हाल के वर्षों में “उपेक्षा” की चर्चा चली, खासकर OBC फोकस बढ़ने से।

ब्राह्मणों में असंतोष के संकेत

  • 23 दिसंबर 2025: लखनऊ में कुशीनगर के बीजेपी विधायक पीएन पाठक के आवास पर 35-40 ब्राह्मण विधायक-एमएलसी (बीजेपी सहित अन्य दलों के) की बैठक हुई। इसे “सहभोज” नाम दिया गया, लेकिन चर्चा सामाजिक-पॉलिटिकल मुद्दों पर हुई।
  • मुख्य बिंदु: ब्राह्मणों की आवाज दब रही है, सत्ता-संगठन में प्रतिनिधित्व कम हो रहा, अन्याय की घटनाओं पर कार्रवाई नहीं।
  • शामिल प्रमुख नाम: रत्नाकर मिश्र, प्रकाश द्विवेदी, शलभमणि त्रिपाठी, रमेश मिश्र आदि।
  • यह बैठक ठाकुर विधायकों की पिछली “कुटुंब” मीटिंग के बाद देखी जा रही है।
  • ब्राह्मण विधायकों का मानना: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हैं, लेकिन ताकत नहीं दी जा रही। कुछ जातियों को ज्यादा तवज्जो मिल रही।
  • विपक्ष (सपा) इसे बीजेपी की आंतरिक कलह बता रहा, जबकि बीजेपी विधायक इसे सामाजिक आयोजन कह रहे।

बीजेपी की रणनीति: OBC के बाद ब्राह्मण फोकस

  • OBC साधने के बाद (केशव मौर्य, स्वतंत्र देव सिंह, भूपेंद्र चौधरी के बाद पंकज चौधरी) अब ब्राह्मणों को संतुलन में लाने की कवायद।
  • प्रेरणा स्थल को “दशकों तक ब्राह्मणों को साधने” वाला कदम बताया जा रहा।
  • प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी ब्राह्मण चेहरों (दिनेश शर्मा, हरीश द्विवेदी) की चर्चा, हालांकि OBC मजबूत दावेदार।
  • पार्टी सूत्र: यह कोर वोटबैंक को जोड़े रखने की स्टैटेजी है, ताकि 2027 में PDA (सपा का पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) नैरेटिव का मुकाबला हो सके।

यह कदम यूपी की जातीय राजनीति में संतुलन की कोशिश दिखाता है। ब्राह्मणों का समर्थन बीजेपी के लिए हमेशा महत्वपूर्ण रहा, और प्रेरणा स्थल जैसे प्रतीकात्मक आयोजन लंबे समय तक भावनात्मक जुड़ाव बनाए रख सकते हैं। हालांकि, ब्राह्मण विधायकों की जुटान से आंतरिक असंतोष भी उजागर हो रहा है, जिसे पार्टी को जल्द संबोधित करना होगा।

एक नज़र की खबर

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