जग खबर

जग खबर एक प्रमुख हिंदी समाचार वेबसाइट है, जो देश-विदेश की ताज़ा खबरों, राजनीति, मनोरंजन, खेल, व्यापार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक मुद्दों पर समग्र कवरेज प्रदान करती है। हमारा उद्देश्य पाठकों तक सटीक, निष्पक्ष और तेज़ खबरें पहुँचाना है, जिससे वे हर महत्वपूर्ण घटना से अपडेट रह सकें।

Trump administration makes detailed announcement on additional tariffs on Chinese semiconductors

ट्रंप प्रशासन का चीनी सेमीकंडक्टर पर अतिरिक्त टैरिफ को लेकर विस्तृत ऐलान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने 23 दिसंबर 2025 को अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) के माध्यम से एक महत्वपूर्ण घोषणा की। यह घोषणा सेक्शन 301 (Trade Act of 1974) के तहत एक साल लंबी जांच के निष्कर्ष पर आधारित है, जिसमें पाया गया कि चीन सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में दबदबा बनाने के लिए “अनुचित और गैर-बाजार नीतियां” (non-market policies) अपनाता है, जो अमेरिकी व्यापार को नुकसान पहुंचाती है।

मुख्य फैसला:

  • चीन से आयातित सेमीकंडक्टर (खासकर “लेगेसी” या पुरानी तकनीक वाली चिप्स) पर नया अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
  • लेकिन इसे जून 2027 तक स्थगित रखा गया है।
  • शुरुआती 18 महीनों (यानी जून 23, 2027 तक) के लिए अतिरिक्त टैरिफ दर 0% रखी गई है।
  • जून 23, 2027 से टैरिफ दर बढ़ाई जाएगी, और नई दर की घोषणा इसके कम से कम 30 दिन पहले की जाएगी।

यह फैसला प्रभावी रूप से मतलब है कि 2027 तक चीनी सेमीकंडक्टर पर कोई नया अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगेगा

मौजूदा टैरिफ स्थिति:

  • पहले से ही चीनी सेमीकंडक्टर पर 50% टैरिफ लगा हुआ है, जो बाइडन प्रशासन द्वारा जनवरी 1, 2025 से लागू किया गया था (एक अलग सेक्शन 301 जांच के तहत)।
  • नया टैरिफ इस 50% के ऊपर अतिरिक्त होगा, लेकिन अभी इसे 0% पर रखा गया है।

देरी का मुख्य कारण:

  • ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर 2025 में हुई मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड ट्रूस (व्यापार युद्ध विराम) को बनाए रखने की कोशिश।
  • इस ट्रूस के तहत चीन ने दुर्लभ धातुओं (rare earth metals) के निर्यात प्रतिबंधों में ढील दी, और अमेरिका ने कुछ टेक निर्यात प्रतिबंधों को टाला।
  • देरी से दोनों देशों को बातचीत जारी रखने और सप्लाई चेन को स्थिर रखने का समय मिलेगा।
  • यह कदम ट्रंप प्रशासन की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें लंबे समय में दबाव बनाए रखते हुए तत्काल तनाव कम किया जा रहा है।

जांच के प्रमुख निष्कर्ष (USTR की रिपोर्ट से):

  • चीन ने सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन के हर हिस्से (डिजाइन, फैब्रिकेशन, असेंबली, टेस्टिंग आदि) में राज्य समर्थित निवेश, सब्सिडी, जबरन तकनीक ट्रांसफर, साइबर चोरी और बाजार पहुंच प्रतिबंध जैसी नीतियां अपनाई हैं।
  • इसका लक्ष्य ग्लोबल मार्केट में विदेशी कंपनियों को विस्थापित करना और चीन पर निर्भरता बढ़ाना है।
  • यह अमेरिकी कंपनियों, नौकरियों और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए “actionable” (कार्रवाई योग्य) माना गया।
  • फोकस मुख्य रूप से “लेगेसी चिप्स” पर है, जो ऑटोमोटिव, डिफेंस, मेडिकल और अन्य क्रिटिकल सेक्टर में इस्तेमाल होती हैं।

संभावित प्रभाव:

  • अमेरिकी कंपनियों के लिए: सप्लाई चेन बदलने या घरेलू उत्पादन (जैसे CHIPS Act के तहत) बढ़ाने का 18 महीनों का समय मिलेगा। तत्काल कीमतें नहीं बढ़ेंगी।
  • चीन के लिए: लंबे समय में दबाव बढ़ेगा, लेकिन फिलहाल राहत। चीन की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री (जैसे SMIC) पर असर पड़ेगा।
  • ग्लोबल प्रभाव: सेमीकंडक्टर कीमतें स्थिर रहेंगी, लेकिन 2027 के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स महंगे हो सकते हैं।
  • एक अलग जांच (सेक्शन 232 – राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत) चल रही है, जो सभी देशों से चिप आयात पर टैरिफ लगा सकती है, जिसमें चीनी चिप्स वाले प्रोडक्ट्स भी शामिल होंगे।

चीन की प्रतिक्रिया:

  • चीनी दूतावास ने किसी भी टैरिफ का विरोध किया और इसे “टैरिफ के दुरुपयोग” बताया।
  • चीन का कहना है कि ग्लोबल सप्लाई चेन बाजार और बिजनेस चुनाव से बनती है, न कि जबरदस्ती से।

यह घोषणा रॉयटर्स, न्यूयॉर्क टाइम्स, ब्लूमबर्ग, साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट, टाइम्स ऑफ इंडिया और अन्य प्रमुख मीडिया में प्रमुखता से छपी है। यह ट्रंप प्रशासन की “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है, लेकिन ट्रूस के कारण संतुलित तरीके से लागू किया जा रहा है।

अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी तो कृपया इसे शेयर करें

.