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'Stop stealing oil!' – Maduro's retort to Trump, Russia and China challenge America

‘तेल चोरी बंद करो!’ – मादुरो का ट्रंप को पलटवार, रूस-चीन ने अमेरिका को ललकारा

23 दिसंबर 2025 की स्थिति में वेनेजुएला को लेकर अमेरिका और उसके विरोधी देशों के बीच तनाव बेहद बढ़ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता छोड़ने की खुली धमकी दी है, जबकि रूस के व्लादिमीर पुतिन और चीन के शी जिनपिंग ने मादुरो को राजनीतिक समर्थन दिया है। यह विवाद अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के तेल टैंकरों की जब्ती और “पूर्ण नाकेबंदी” से शुरू हुआ, जिसे ट्रंप प्रशासन ड्रग तस्करी रोकने का ऑपरेशन बता रहा है, लेकिन वेनेजुएला इसे तेल लूट और सत्ता परिवर्तन की साजिश कह रहा है।

ट्रंप की धमकी और अमेरिकी कार्रवाइयां

  • ट्रंप ने 22 दिसंबर को कहा कि मादुरो के लिए “समझदारी” यही होगी कि वे सत्ता छोड़ दें (“it would be smart for him to step aside”)। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मादुरो “सख्ती दिखाते हैं” तो यह उनकी “आखिरी बार” होगी (“it’ll be the last time he’s ever able to play tough”)।
  • 16 दिसंबर को ट्रंप ने “पूर्ण और पूर्ण नाकेबंदी” का आदेश दिया, जिसमें वेनेजुएला आने-जाने वाले सभी प्रतिबंधित (सैंक्शंड) तेल टैंकरों को रोका जाएगा।
  • अब तक अमेरिकी कोस्ट गार्ड ने कम से कम तीन टैंकर जब्त किए हैं, जिनमें करीब 40 लाख बैरल तेल है। ट्रंप ने कहा, “हम तेल रखेंगे, जहाज भी रखेंगे। शायद बेचें, शायद स्ट्रैटेजिक रिजर्व में इस्तेमाल करें।”
  • अमेरिका का आरोप: मादुरो सरकार तेल की कमाई से “नार्को-टेररिज्म”, ड्रग तस्करी, मानव तस्करी और अपराध को फंडिंग दे रही है। सितंबर 2025 से कैरिबियन और पूर्वी प्रशांत में संदिग्ध नावों पर हमले किए गए, जिनमें 100 से ज्यादा लोग मारे गए।
  • ट्रंप ने जमीनी हमलों की संभावना भी जताई है, हालांकि अभी ऑपरेशन समुद्री स्तर तक सीमित है। कैरिबियन में अमेरिकी नौसेना की बड़ी तैनाती है, जिसमें USS Gerald R. Ford एयरक्राफ्ट कैरियर भी शामिल है।
  • ट्रंप ने वेनेजुएला को “विदेशी आतंकवादी संगठन” घोषित किया और पुराने अमेरिकी तेल एसेट्स की वापसी की मांग की।

रूस और चीन का समर्थन

  • रूस: पुतिन ने मादुरो से फोन पर बात की और “पूर्ण समर्थन” का आश्वासन दिया। क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने वेनेजुएला की संप्रभुता और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए मादुरो सरकार का समर्थन दोहराया। रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी कार्रवाइयों को “समुद्री डकैती” और “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” कहा। हालांकि, कोई सैन्य मदद की घोषणा नहीं हुई – रूस यूक्रेन युद्ध में उलझा है।
  • चीन: चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी नाकेबंदी को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। चीन वेनेजुएला से सबसे ज्यादा तेल आयात करता है (लगभग 76-80%, रोजाना 6 लाख बैरल) और अरबों डॉलर (करीब 60 अरब) का कर्ज दिया है, जो तेल से चुकाया जा रहा है। नाकेबंदी से चीन की तेल सप्लाई बाधित हो सकती है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन ट्रंप से हालिया व्यापारिक सुधार (दक्षिण कोरिया मीटिंग के बाद) खराब नहीं करना चाहता, इसलिए बड़ा सैन्य या आर्थिक समर्थन नहीं देगा।
  • दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वेनेजुएला के पक्ष में बैठक का समर्थन किया। मादुरो ने पुतिन और शी के समर्थन पत्र सार्वजनिक किए।

मादुरो का पलटवार

  • मादुरो ने ट्रंप को जवाब दिया कि वे अपने देश की समस्याओं (आर्थिक, सामाजिक) पर ध्यान दें, वेनेजुएला को धमकाना बंद करें।
  • वेनेजुएला ने अमेरिकी कार्रवाइयों को “आक्रमण”, “तेल चोरी” और “समुद्री डकैती” कहा। मादुरो का दावा: अमेरिका का असली मकसद दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडार पर कब्जा और सत्ता परिवर्तन है।
  • मादुरो ने वेनेजुएला नौसेना को टैंकरों की एस्कॉर्ट करने का आदेश दिया, जिससे सीधी टक्कर का खतरा बढ़ा।
  • मादुरो ने रूस, चीन और ईरान से सैन्य मदद (रडार, विमान मरम्मत, मिसाइल) मांगी, लेकिन अभी ठोस सहायता नहीं मिली।

पृष्ठभूमि और वैश्विक प्रभाव

  • यह संकट ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में तेज हुआ। ट्रंप वेनेजुएला को अमेरिका का “बैकयार्ड” मानते हैं और चीनी प्रभाव कम करने की रणनीति (“डॉनरो डॉक्ट्रिन”) अपनाई है।
  • तेल बाजार: नाकेबंदी से वेनेजुएला का निर्यात (दिन में 9 लाख बैरल) प्रभावित, वैश्विक तेल कीमतें 1-8 डॉलर प्रति बैरल बढ़ सकती हैं।
  • विशेषज्ञ विश्लेषण: रूस-चीन का समर्थन मुख्यतः मौखिक और कूटनीतिक है। चीन मादुरो को “दायित्व” मान सकता है अगर तेल सप्लाई रुकती है। अमेरिका का लक्ष्य मादुरो को आर्थिक रूप से कमजोर कर सत्ता छोड़ने पर मजबूर करना है।
  • संयुक्त राष्ट्र: वेनेजुएला की शिकायत पर बैठक प्रस्तावित, जहां रूस-चीन अमेरिका के खिलाफ बोल सकते हैं।
  • जोखिम: अगर टैंकर एस्कॉर्ट और अमेरिकी इंटरसेप्शन में टक्कर होती है, तो बड़ा संघर्ष हो सकता है, लेकिन दोनों पक्ष डी-एस्केलेशन चाहते दिख रहे हैं।

यह स्थिति तेजी से बदल रही है।

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