दिल्ली सरकार जल्द ही एक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी लॉन्च करने वाली है, जो प्रदूषण से लड़ने और क्लीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह पॉलिसी दिल्ली को भारत का प्रमुख EV हब और संभावित रूप से दुनिया की EV कैपिटल बनाने का लक्ष्य रखती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में इसकी घोषणा की है, और यह मौजूदा EV पॉलिसी का रिवैंप्ड वर्जन है, जो अगस्त 2023 में एक्सपायर हो चुकी थी और तब से एक्सटेंडेड चल रही है। नीचे मैं इस न्यूज स्टोरी की हर सिंगल डिटेल को कवर कर रहा हूं, जो विभिन्न सोर्सेज से ली गई हैं। डिटेल्स ड्राफ्ट बेस्ड हैं, क्योंकि पॉलिसी अभी फाइनल नहीं हुई है।
टाइमलाइन और रोलआउट
- ड्राफ्ट रिलीज: नई EV पॉलिसी का ड्राफ्ट जनवरी के पहले हफ्ते में रिलीज होने की संभावना है।
- पूर्ण रोलआउट: अगले फाइनेंशियल ईयर से लागू होगी, यानी अप्रैल 2026 से। पुरानी पॉलिसी 2020 में नोटिफाई हुई थी, जो अगस्त 2023 में एक्सपायर हो गई और तब से पीरियोडिकली एक्सटेंड की जा रही है।
- डेवलपमेंट प्रोसेस: पिछले चार महीनों से पावर मिनिस्टर अशीष सूद की चेयरमैनशिप में एक हाई-लेवल कमिटी इस पॉलिसी पर काम कर रही है। एक्सपर्ट रेकमेंडेशंस को शामिल किया जा रहा है, और सब्सिडी स्ट्रक्चर को फाइनलाइज किया जा रहा है।
- घोषणा: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार (21 दिसंबर 2025) को इसकी घोषणा की। प्रदूषण पर एक मीटिंग में यह डिस्कस हुई, जिसमें PWD, ट्रांसपोर्ट, DPCC और एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट शामिल थे। अगली मीटिंग गुरुवार को शेड्यूल है।
सब्सिडी और इंसेंटिव्स
पॉलिसी का मुख्य फोकस सब्सिडी है, जो पेट्रोल/डीजल व्हीकल्स और EVs के बीच प्राइस गैप को कम करेगी। मिडिल क्लास को बड़ा रिलीफ मिलेगा। यहां व्हीकल-वाइज ब्रेकडाउन है:
| व्हीकल टाइप | सब्सिडी डिटेल्स | एडिशनल नोट्स |
|---|---|---|
| टू-व्हीलर्स (बाइक्स/स्कूटर्स) | पेट्रोल से EV में स्विच करने पर ₹35,000 से ₹40,000 तक की सब्सिडी। | बाइकर्स को प्रदूषण कंट्रोल में बड़ा पुश। मिडिल क्लास के लिए स्पेशल रिलीफ। |
| कमर्शियल थ्री-व्हीलर्स (ऑटो/रिक्शा) | EV में स्विच करने पर हैवी सब्सिडी (स्पेसिफिक अमाउंट नहीं बताया गया)। | कमर्शियल यूजर्स को टारगेट। |
| फोर-व्हीलर्स (कार्स) | ₹20 लाख तक की पेट्रोल/डीजल कार्स को EV में कन्वर्ट करने पर सब्सिडी (स्पेसिफिक अमाउंट नहीं बताया गया)। | पुरानी पॉलिसी में ₹1.5 लाख तक की कैप थी, जो पहले 1,000 व्हीकल्स के लिए थी और बाद में डिस्कंटिन्यू। |
| जनरल सब्सिडी स्ट्रक्चर | फाइनल अमाउंट्स अभी डिस्क्लोज नहीं, लेकिन प्राइस गैप को ब्रिज करने के लिए। पुरानी पॉलिसी में टू-व्हीलर्स को ₹5,000 प्रति kWh (कैप ₹30,000), थ्री-व्हीलर्स को फ्लैट ₹30,000। | EVs को रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से एग्जेम्प्ट (पुरानी पॉलिसी से जारी)। |
- स्क्रैपेज इंसेंटिव: पुराने पेट्रोल/डीजल व्हीकल को स्क्रैप करने पर एडिशनल फाइनेंशियल बेनिफिट्स मिलेंगे, जब नया EV खरीदा जाएगा। यह स्कीम हाई-पॉल्यूटिंग व्हीकल्स को रोड से हटाने के लिए है। स्पेसिफिक अमाउंट नहीं बताया गया।
एलिजिबिलिटी
- टारगेट यूजर्स: मिडिल क्लास फैमिलीज, बाइकर्स, कमर्शियल थ्री-व्हीलर ऑपरेटर्स, और ₹20 लाख तक की कार ओनर्स।
- कंडीशंस: व्हीकल को पेट्रोल/डीजल से EV में स्विच करना जरूरी। स्क्रैपेज के लिए पुराना व्हीकल स्क्रैप करना। पुरानी पॉलिसी में EVs (टू-, थ्री-, फोर-व्हीलर्स) जनरली एलिजिबल थे, लेकिन कैप्स थे। नई में डिटेल्स फाइनलाइज हो रही हैं।
- नोट: कोई स्पेसिफिक एज, इनकम या अन्य क्राइटेरिया नहीं बताया गया, लेकिन मिडिल क्लास पर फोकस।
बेनिफिट्स
- एयर क्वालिटी इम्प्रूवमेंट: EVs के वाइडर एडॉप्शन से PM2.5 और PM10 लेवल्स कम होंगे। दिल्ली के प्रदूषण को डायरेक्टली रिड्यूस करेगा।
- अफॉर्डेबिलिटी: EVs को हर मिडिल क्लास फैमिली के लिए अफॉर्डेबल बनाना, चार्जिंग को मोबाइल चार्जिंग जितना आसान।
- अन्य: ट्रैफिक कंजेशन रिड्यूस करने के लिए कैब एग्रीगेटर्स (जैसे Ola, Uber) को दिल्ली-NCR में प्राइवेट बसें ऑपरेट करने की एक्सप्लोरेशन। PUC सर्टिफिकेट न होने पर ₹10,000 का चालान स्ट्रिक्ट एनफोर्समेंट।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
- एक्सपैंशन: रेजिडेंशियल कॉलोनियों में नेबरहुड-लेवल चार्जिंग स्टेशंस।
- फीचर्स: बैटरी स्वैपिंग फैसिलिटीज चार्जिंग टाइम कम करने के लिए। यूज्ड बैटरीज का साइंटिफिक डिस्पोजल एनवायरनमेंट इम्पैक्ट कम करने के लिए।
- एडमिन: अप्रूवल्स और नेटवर्क एक्सपैंशन के लिए सिंगल-विंडो सिस्टम।
अन्य इंफॉर्मेशन
- बैकग्राउंड: पुरानी पॉलिसी (2020) में दिल्ली का लक्ष्य था कि 2024 तक हर 4 में से 1 व्हीकल EV हो। अब नई पॉलिसी इसे आगे ले जाएगी।
- फंडिंग/इम्प्लीमेंटेशन: कोई स्पेसिफिक डिटेल्स नहीं, लेकिन गवर्नमेंट ओवरसीन है।
- कनेक्टेड इश्यूज: प्रदूषण मीटिंग में ट्रैफिक, PUC एनफोर्समेंट और बस ऑपरेशंस डिस्कस हुए।
यह सभी डिटेल्स उपलब्ध सोर्सेज से ली गई हैं। अगर पॉलिसी फाइनल हो जाती है, तो अमाउंट्स और क्राइटेरिया चेंज हो सकते हैं। ज्यादा अपडेट्स के लिए ऑफिशियल ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट साइट चेक करें।
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