20 दिसंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के ताहेरपुर में बीजेपी की ‘परिवर्तन संकल्प सभा’ को संबोधित करने पहुंचे थे, लेकिन घने कोहरे और कम विजिबिलिटी के कारण उनका हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर सका। हेलीकॉप्टर कुछ देर हवा में घूमने के बाद कोलकाता एयरपोर्ट लौट गया। इसके बाद पीएम ने कोलकाता से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रैली को संबोधित किया। इस वर्चुअल संबोधन में पीएम मोदी ने वंदे मातरम् को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा और मंत्र बनाने का जोरदार आह्वान किया, साथ ही महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को श्रद्धांजलि अर्पित की।


पीएम मोदी के मुख्य बयान और उद्धरण
- पीएम ने संबोधन की शुरुआत मौसम की असुविधा पर खेद व्यक्त करते हुए की: “मौसम ने मुझे यहां पहुंचने नहीं दिया, लेकिन मेरा दिल और भावनाएं आप सबके साथ पूरी तरह जुड़ी हुई हैं।”
- वंदे मातरम् पर जोर: “वंदे मातरम् ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष का मंत्र था। यह राष्ट्रीय जागरण का मंत्र है। आज समय आ गया है कि हम वंदे मातरम् को केवल एक नारा नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा और मंत्र बनाएं। यह देश को एकजुट करने, आत्मविश्वास जगाने और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बने।”
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन: पीएम ने बंगाल की सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि वंदे मातरम् ने स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्र चेतना जगाई और यह बंगाल का गौरव है।
- भाषण का समापन असामान्य रूप से “वंदे मातरम्” के नारे से किया, जो उनके सामान्य “भारत माता की जय” से अलग था।
- गंगा नदी का प्रतीकात्मक जिक्र: “गंगा बिहार से बंगाल तक बहती है, यह दोनों राज्यों के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों का प्रतीक है।” उन्होंने हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी-एनडीए की जीत का हवाला देते हुए बंगाल में बदलाव की अपील की।
राजनीतिक हमले और विकास की अपील
- टीएमसी पर तीखा प्रहार: पीएम ने ममता बनर्जी सरकार पर “महा जंगलराज” का आरोप लगाया और कहा कि घुसपैठिए टीएमसी के संरक्षण में हैं। स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) का विरोध करके टीएमसी वोट बैंक की राजनीति कर रही है।
- बंगाल के विकास पर: “केंद्र की योजनाओं से बंगाल को लाभ मिल रहा है, लेकिन टीएमसी की कुप्रशासन से लोग पीड़ित हैं। बीजेपी बंगाल के विकास के लिए प्रतिबद्ध है – डबल इंजन सरकार जरूरी है।”
- परियोजनाओं का उद्घाटन: वर्चुअल माध्यम से ही पीएम ने ₹3,200 करोड़ की हाईवे परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें NH-34 के फोर-लेनिंग शामिल हैं, जो कोलकाता-सिलिगुड़ी कनेक्टिविटी बढ़ाएंगे।
पृष्ठभूमि: संसद में वंदे मातरम् विवाद की निरंतरता
यह बयान संसद के शीतकालीन सत्र (दिसंबर 2025) में वंदे मातरम् के 150 वर्ष पर हुई गरमागरम बहस की निरंतरता है:
- 8 दिसंबर को लोकसभा में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया, कहा कि नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के दबाव में गीत को “खंडित” किया।
- गृह मंत्री अमित शाह ने भी विपक्ष के वॉकआउट को अनादर बताया।
- कोलकाता संबोधन में वंदे मातरम् को सकारात्मक रूप से राष्ट्र निर्माण से जोड़कर पीएम ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बंगाल की राजनीति में मजबूत करने की कोशिश की, खासकर 2026 विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में।
प्रतिक्रियाएं और राजनीतिक निहितार्थ
- बीजेपी नेताओं ने इसे बंगाल की अस्मिता और विकास का संदेश बताया।
- टीएमसी ने इसे “चुनावी स्टंट” करार दिया, लेकिन वंदे मातरम् के राष्ट्र निर्माण मंत्र बनने की बात पर कुछ ने सराहना भी की।
- मतुआ समुदाय और बंगाली बुद्धिजीवियों में यह संदेश गूंज सकता है, जहां सांस्कृतिक प्रतीकों का बड़ा महत्व है। यह वर्चुअल संबोधन बंगाल में बीजेपी की 2026 चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहां सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, विकास और घुसपैठ जैसे मुद्दों पर फोकस है।
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