20 दिसंबर 2025 को सोशल मीडिया पर एक दिल दहला देने वाला वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के कैंप IV (दक्षिण कोल, लगभग 8,000 मीटर ऊंचाई) पर कचरे के ढेर को दिखाता है। यह वीडियो Everest Today (@EverestToday) नाम के प्लेटफॉर्म ने 19 दिसंबर 2025 को X (ट्विटर) पर शेयर किया। कैप्शन में लिखा: “दिल तोड़ने वाला नजारा… जहां इंसान की जिंदगी सप्लीमेंट्री ऑक्सीजन पर निर्भर है, वहीं पहाड़ खुद हमारे कचरे से दम घुट रहा है। हाई कैंप्स पर जमा कचरा गहरी पर्यावरणीय समस्या की ओर इशारा करता है।”
वीडियो में बर्फीले इलाके में बिखरे पुराने टेंट, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर, प्लास्टिक बैग्स, फूड पैकेट्स, कपड़े और अन्य कचरा साफ दिख रहा है। इसे देखकर यूजर्स ने गुस्सा और निराशा जताई: “अब बहुत हो गया”, “इंसान ने एवरेस्ट को भी कचरे का ढेर बना दिया”, “सख्त नियम लागू करो वरना यह पवित्र जगह हमेशा के लिए खराब हो जाएगी”। भारतीय मीडिया जैसे आज तक और News18 ने इसे प्रमुखता से कवर किया, हेडलाइन में “कचरे के पहाड़ में बदलता माउंट एवरेस्ट” कहा।




समस्या की गहराई और आंकड़े
- माउंट एवरेस्ट को “दुनिया का सबसे ऊंचा कचरा डंप” कहा जाता है। अनुमान है कि पहाड़ पर 50 टन से ज्यादा कचरा जमा है, जिसमें दशकों पुराना प्लास्टिक, धातु और मानव मल शामिल है।
- हर क्लाइंबर औसतन 8 किलो कचरा छोड़ जाता है। स्प्रिंग 2025 सीजन में एवरेस्ट, ल्होत्से और नुप्त्से से 83 टन से ज्यादा कचरा हटाया गया।
- हाई कैंप्स (2, 3 और 4) में सबसे ज्यादा समस्या, जहां ठंड से कचरा जम जाता है। क्लाइमेट चेंज से ग्लेशियर पिघलने पर पुराना कचरा बाहर आ रहा है, जो हिमालय की नदियों को प्रदूषित कर रहा है – ये नदियां अरबों लोगों के पानी का स्रोत हैं।
- मानव मल की समस्या भी गंभीर: ऊंचाई पर शौच के लिए ‘पूप बैग्स’ अनिवार्य हैं, लेकिन कई क्लाइंबर्स नियम तोड़ते हैं।
नेपाल सरकार की नई पहल: पांच साल की क्लीनिंग एक्शन प्लान (2025-2029)
- दिसंबर 2025 में नेपाल सरकार ने पहली बार माउंटेन क्लीनिंग एक्शन प्लान (2025-2029) लॉन्च किया। इसमें क्लाइंबर्स की संख्या सीमित करने, परमिट फीस बढ़ाने ($11,000 से $15,000) और स्थायी फंड बनाने की योजना है।
- $4,000 डिपॉजिट को नॉन-रिफंडेबल फीस बनाने का प्रस्ताव, जो सफाई के लिए इस्तेमाल होगा।
- ड्रोन और रोपवे से हाई कैंप्स से कचरा इकट्ठा करने की फीजिबिलिटी स्टडी।
- स्पेशल ‘माउंटेन रेंजर्स’ टीम गठित, जो वेस्ट मॉनिटरिंग और ह्यूमन रिमेंस कलेक्शन करेगी।
- बेस कैंप शिफ्ट करने और गियर ट्रैकिंग अनिवार्य बनाने पर विचार।
- स्प्रिंग 2025 में DJI ड्रोन्स का इस्तेमाल कर सैकड़ों किलो कचरा नीचे लाया गया, जो शेरपाओं के लिए सुरक्षित तरीका साबित हुआ।



चुनौतियां और आगे की राह
सफाई अभियान जारी हैं, लेकिन सालाना सैकड़ों परमिट, कमजोर执法 और बढ़ती क्लाइंबिंग टूरिज्म से समस्या बनी हुई है। विशेषज्ञ कहते हैं: सख्त नियम, बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट, जागरूकता और क्लाइंबर्स की संख्या नियंत्रण जरूरी है। अन्यथा एवरेस्ट की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यावरण हमेशा के लिए खतरे में पड़ जाएगा।
यह वायरल वीडियो एक बड़ा अलार्म है – इंसानी महत्वाकांक्षा प्रकृति को कितना नुकसान पहुंचा रही है। दुनिया भर में लोग मांग कर रहे हैं: “अब बहुत हो गया – एवरेस्ट को बचाओ!”
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