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US attack on ISIS in Syria: Trump's retaliation, bombs dropped on more than 70 sites

सीरिया में ISIS पर अमेरिकी हमला: ट्रंप का बदला, 70 से ज्यादा ठिकानों पर बरसे बम

20 दिसंबर 2025 को अमेरिकी सेना ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ बड़ा सैन्य अभियान चलाया। इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक रखा गया, जिसमें मध्य सीरिया में 70 से अधिक ISIS ठिकानों पर हवाई और तोपखाने से हमले किए गए। अमेरिकी फाइटर जेट्स (F-15E, A-10), अपाचे हेलिकॉप्टर और HIMARS रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल कर 100 से ज्यादा प्रिसिजन मुनिशन्स दागे गए। जॉर्डन की वायुसेना ने भी सहयोग किया।

यह हमला 13 दिसंबर 2025 को पाल्मायरा शहर के पास हुए ISIS हमले का प्रत्यक्ष बदला है, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक (आयोवा नेशनल गार्ड के सर्जेंट एडगर टोरेस टोवर और सर्जेंट विलियम हॉवर्ड) और एक अमेरिकी नागरिक दुभाषिया (अयाद मंसूर सकत) मारे गए थे। हमले में तीन अन्य अमेरिकी सैनिक घायल हुए। अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के अनुसार, वह हमला एक अकेले ISIS बंदूकधारी ने किया था, जिसे मौके पर मार गिराया गया।

ट्रंप और अमेरिकी अधिकारियों के बयान

  • राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा: “हम ISIS के उन ठगों पर बहुत गंभीर जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं, जैसा मैंने वादा किया था। यह हमला बहुत सफल रहा।” उन्होंने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि सीरिया की नई सरकार का पूरा समर्थन है और ISIS को फिर से उभरने नहीं दिया जाएगा।
  • रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इसे “बदले का ऐलान” बताया: “यह युद्ध की शुरुआत नहीं है, बल्कि बदला है। हमने दुश्मनों को शिकार किया और मार गिराया – बहुत सारे। और जारी रखेंगे।”

पृष्ठभूमि और वर्तमान स्थिति

  • बशर अल-असद के पतन के बाद सीरिया की नई अंतरिम सरकार (अहमद अल-शरaa के नेतृत्व में) अमेरिका के साथ सहयोग कर रही है। सीरिया ने ISIS के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी हमलों का समर्थन किया और कहा कि ISIS को कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं मिलेगा।
  • असद के गिरने के बाद ISIS फिर सक्रिय हो रहा है। अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ISIS सीरिया के रेगिस्तानी इलाकों में फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहा है, जहां हजारों कैदी और उनके परिवार अभी भी हैं।
  • अमेरिका के सीरिया में करीब 1,000 सैनिक तैनात हैं, जो ISIS के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं। यह हमला असद के पतन के बाद पहला बड़ा अमेरिकी रिटेलिएटरी स्ट्राइक है।

प्रभाव और आगे की स्थिति

  • हमलों में ISIS के हथियार भंडार, इंफ्रास्ट्रक्चर और लड़ाकों को निशाना बनाया गया। अभी हताहतों की सटीक संख्या नहीं आई, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इसे “बड़ा झटका” बताया।
  • ट्रंप प्रशासन का फोकस ISIS को पूरी तरह खत्म करने पर है। सीरिया की नई सरकार के साथ सहयोग बढ़ रहा है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सकारात्मक संकेत है।
  • हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में हमलावर को सीरियाई सुरक्षा बलों का सदस्य बताया गया जो ISIS से सहानुभूति रखता था, लेकिन अमेरिका ने इसे ISIS हमला ही माना।

यह ऑपरेशन ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा है, जहां अमेरिकी सैनिकों पर हमले का तुरंत और कड़ा जवाब दिया जाता है। स्थिति अभी तनावपूर्ण है, लेकिन सीरिया में ISIS की गतिविधियां कम होने की उम्मीद है।

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