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दस शहरों में दिवाली की जहरीली हवा, AQI ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

दिवाली की रात जहरीली हवा: 10 प्रमुख शहरों में प्रदूषण का कहर, दिल्ली सबसे ज्यादा प्रभावित

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर 2025: दिवाली की रात रोशनी और खुशियों की बजाय प्रदूषण की काली छाया लेकर आई। पटाखों की आतिशबाजी, वाहनों का धुआं और मौसमी कारकों ने देश के प्रमुख शहरों की हवा को जहरीला बना दिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 346 से 354 तक पहुंच गया, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में AQI 400 से ऊपर दर्ज हुआ, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया और आंखों में जलन की शिकायतें बढ़ गईं।

दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद ‘ग्रीन पटाखे’ के इस्तेमाल की सीमा का उल्लंघन हुआ, जिससे प्रदूषण में भारी इजाफा देखा गया। दिल्ली में 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण ‘रेड जोन’ में पहुंच गया, जिसमें चार स्टेशनों पर AQI 400 से ऊपर ‘गंभीर’ स्तर पर था। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है, क्योंकि ठंडी हवाएं और कम हवा की गति प्रदूषकों को फैलने नहीं दे रही।

प्रमुख शहरों में AQI का हाल: कहां कितना जहर

सीपीसीबी और अन्य स्रोतों से मिले आंकड़ों के आधार पर, देश के 10 प्रमुख शहरों में दिवाली की रात और अगली सुबह का AQI इस प्रकार रहा। AQI की श्रेणियां: 0-50 (अच्छा), 51-100 (संतोषजनक), 101-200 (मध्यम), 201-300 (खराब), 301-400 (बहुत खराब), 401+ (गंभीर)।

शहरऔसत AQI (21 अक्टूबर सुबह)श्रेणीप्रमुख प्रभावित इलाके और टिप्पणियां
दिल्ली346-354बहुत खराब/गंभीरबवाना (427), जहांगीरपुरी (407), वजीरपुर (408), आनंद विहार (358); पटाखों से PM2.5 स्तर बढ़ा।
मुंबई214-308खराब/बहुत खराबकोलाबा (बहुत खराब), वडाला (308), चेंबूर (292); धुंध छाई, दृश्यता घटी।
कोलकाता250-300 (अनुमानित)खराबकाली पूजा के कारण तेजी से बिगड़ी; उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में पटाखों का असर।
लखनऊ222खराबपटाखों और वाहनों से प्रदूषण बढ़ा; सुबह धुंध।
जयपुर231खराबदिवाली उत्सव के बाद AQI में उछाल।
पटना224खराबबिहार में दिवाली और छठ की वजह से प्रदूषण।
चेन्नई153मध्यमअपेक्षाकृत बेहतर, लेकिन समुद्री हवाओं का असर।
बेंगलुरु94संतोषजनकदक्षिणी शहरों में सबसे कम प्रभाव।
हैदराबाद107मध्यमहल्का प्रदूषण, लेकिन नियंत्रण में।
अहमदाबाद200-250 (अनुमानित)खराबगुजरात में पटाखों का असर; विस्तृत डेटा सीमित।

उत्तर भारत के शहरों में स्थिति सबसे गंभीर रही, जहां दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे महानगर ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गए। दक्षिणी शहरों जैसे बेंगलुरु और चेन्नई में बेहतर हवा की वजह से AQI कम रहा।

क्या हुआ दिवाली की रात?

दिवाली पर दिल्ली में GRAP-2 लागू था, लेकिन पटाखों का इस्तेमाल तय समय से ज्यादा हुआ। सुबह 5:30 बजे AQI 346 दर्ज हुआ, जो शाम तक बढ़कर 354 पहुंच गया। द्वारका सबसे प्रभावित इलाका रहा, जहां AQI ‘गंभीर’ स्तर पर था। मुंबई में सुबह कोलाबा और नंदादीप गार्डन में ‘बहुत खराब’ AQI दर्ज हुआ। कोलकाता में काली पूजा ने प्रदूषण को और बढ़ाया, जहां पर्यावरणविदों ने तेज आवाज वाले पटाखों की शिकायत की।

लखनऊ और जयपुर जैसे शहरों में AQI 200 से ऊपर रहा, लेकिन दिल्ली की तुलना में कम। पटना में भी प्रदूषण ‘खराब’ श्रेणी में था। विशेषज्ञों के अनुसार, PM2.5 कणों का स्तर सामान्य से कई गुना बढ़ गया, जो फेफड़ों और हृदय रोगों का खतरा बढ़ाता है।

सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-2 के तहत प्रतिबंध बढ़ाए, जिसमें निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल जनरेटरों का सीमित इस्तेमाल शामिल है। दिल्ली सरकार ने कृत्रिम वर्षा की योजना पर विचार किया, लेकिन अभी लागू नहीं हुआ। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों के अलावा पराली जलाना और वाहन उत्सर्जन मुख्य कारण हैं। वे सुझाव देते हैं कि त्योहारों पर वैकल्पिक उत्सव जैसे लेजर शो अपनाएं।

स्वास्थ्य पर असर और सावधानियां

‘बहुत खराब’ AQI पर लंबे समय तक रहने से श्वसन रोग, अस्थमा और हृदय समस्याएं बढ़ सकती हैं। डॉक्टर सलाह देते हैं: N95 मास्क पहनें, घर में रहें, एयर प्यूरीफायर इस्तेमाल करें और व्यायाम से बचें। बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग विशेष सावधानी बरतें।

यह स्थिति हर साल दोहराई जाती है, लेकिन समाधान के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। क्या अगली दिवाली स्वच्छ हवा वाली होगी? यह सवाल बाकी है।

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