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दिवाली पर जहरीली सांसें: दिल्ली-एनसीआर की हवा ‘गंभीर’ स्तर पर, GRAP-2 के सख्त कदमों के बीच प्रदूषण का संकट गहराया

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर 2025: दीपावली के पावन पर्व पर जहां पूरे देश में रोशनी की बहार छाई हुई है, वहीं दिल्ली-एनसीआर में हवा का रंग धुंधला और जहरीला हो चुका है। त्योहार की शाम होते ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया, जिसके फलस्वरूप वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के स्टेज-2 को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया। सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत AQI 337 (बहुत खराब) था, लेकिन दोपहर तक यह 367 पर पहुंच गया। कुछ हॉटस्पॉट्स जैसे आनंद विहार (414), आईटीओ (348), इंडिया गेट (347) और अक्षरधाम (411) में यह ‘गंभीर’ स्तर पार कर गया। यह स्थिति दिवाली से ठीक पहले ही उत्पन्न हो गई, जब पराली जलाने, वाहनों के धुएं, निर्माण कार्यों और पटाखों की बिक्री-उपयोग की होड़ चरम पर थी। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं, कम हवा की गति और मौसमी बदलाव के कारण प्रदूषण का स्तर अगले 3-4 दिनों तक और बिगड़ सकता है।

प्रदूषण का स्तर: हॉटस्पॉट्स में ‘खतरनाक’ आंकड़े, सांस लेना 10 सिगरेट के बराबर

रविवार (19 अक्टूबर) शाम को AQI 302 (बहुत खराब) पर पहुंचा, लेकिन सोमवार सुबह होते ही यह तेजी से चढ़ा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली के 38 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 24 पर AQI ‘बहुत खराब’ (301-400) और 12 पर ‘गंभीर’ (401+) दर्ज किया गया। PM2.5 का स्तर 203 µg/m³ और PM10 का 300 µg/m³ तक पहुंच गया, जो सुरक्षित सीमा (PM2.5: 60 µg/m³, PM10: 100 µg/m³) से कई गुना अधिक है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी हवा में सांस लेना प्रतिदिन 8-10 सिगरेट पीने के बराबर है, जो फेफड़ों, हृदय और श्वसन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

एनसीआर के प्रमुख शहरों की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। यहां एक नजर डालें:

शहर/क्षेत्रAQI (सुबह 8 बजे)श्रेणीमुख्य प्रदूषक
दिल्ली (औसत)337बहुत खराबPM2.5 (203 µg/m³)
आनंद विहार414गंभीरPM10 (527 µg/m³)
आईटीओ348गंभीरPM2.5 (249 µg/m³)
इंडिया गेट347गंभीरPM10 (305 µg/m³)
अक्षरधाम411गंभीरPM2.5 (300 µg/m³)
गाजियाबाद379गंभीरPM2.5 (255 µg/m³)
ग्रेटर नोएडा342बहुत खराबPM10 (428 µg/m³)
नोएडा304बहुत खराबPM2.5 (186 µg/m³)
गुरुग्राम245खराबPM10 (198 µg/m³)
फरीदाबाद305बहुत खराबPM2.5 (192 µg/m³)
बल्लभगढ़ (हरियाणा)305बहुत खराबPM10 (219 µg/m³)

स्रोत: CPCB और SAFAR डेटा

दिल्लीवासी अब हवा से जूझ रहे हैं। एक बुजुर्ग निवासी ने बताया, “दिवाली की रौनक में भी सांस लेना दूभर हो गया है। आंखें जल रही हैं, खांसी हो रही है। बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे।” सोशल मीडिया पर भी गुस्सा भड़क रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ट्वीट किया, “दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा जहरीली हो गई। GRAP-2 लागू है, लेकिन पराली जलाने और पटाखों पर सख्ती क्यों नहीं?” वहीं, पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा, “यह संकट मानव-निर्मित है। पराली जलाने पर रोक लगे, वरना दिवाली के बाद हालात और बिगड़ेंगे।”

GRAP-2 क्यों जरूरी? AQI के आधार पर चरणबद्ध योजना

GRAP एक आपातकालीन ढांचा है, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2016 में अनुमोदित किया गया। यह AQI के स्तर पर चार चरणों में काम करता है: स्टेज-1 (खराब: 201-300), स्टेज-2 (बहुत खराब: 301-400), स्टेज-3 (गंभीर: 401-450) और स्टेज-4 (गंभीर+: 450+)। 14 अक्टूबर से स्टेज-1 लागू था, लेकिन रविवार को AQI 302 पर पहुंचते ही CAQM की उप-समिति ने स्टेज-2 सक्रिय किया। IMD और IITM के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दिनों में हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषण फंस सकता है। यदि AQI 400 पार कर गया, तो स्टेज-3 में निर्माण कार्य पूरी तरह बंद, डीजल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध और स्कूलों में ऑनलाइन क्लास जैसी सख्तियां लागू होंगी।

GRAP-2 के तहत विस्तृत पाबंदियां: 12-सूत्री एक्शन प्लान

CAQM ने स्टेज-2 के तहत 12 प्रमुख उपायों का एक्शन प्लान जारी किया है, जो स्टेज-1 के सभी कदमों के साथ लागू होंगे। इनका उद्देश्य धूल, वाहनों, उद्योगों और अन्य स्रोतों से उत्सर्जन को 30-40% तक कम करना है। यहां विस्तृत विवरण:

श्रेणीविस्तृत पाबंदियां/उपायकार्यान्वयन एजेंसी
निर्माण एवं धूल नियंत्रण– आवश्यक सेवाओं (मेट्रो, अस्पताल, सरकारी भवन) को छोड़कर सभी निर्माण, तोड़फोड़, स्लैब ग्रिलिंग पर पूर्ण रोक।
– खनन गतिविधियां 50% सीमित; साइट्स पर 24×7 वाटर स्प्रिंकलिंग अनिवार्य।
– खुले स्थानों पर कचरा/पराली जलाने पर ₹50,000 तक जुर्माना।
MCD, DDA, PWD
उत्सर्जन एवं ऊर्जा स्रोत– डीजल जनरेटर सेट्स (>19 kW) का उपयोग प्रतिबंधित (आपातकालीन को छोड़कर); सोलर/इलेक्ट्रिक बैकअप अनिवार्य।
– ईंट भट्टे (15% तक) और हॉट मिक्स प्लांट्स पर सख्त निगरानी; कोयला/लकड़ी जलाने पर रोक।
DPCC, CPCB
वाहन एवं परिवहन– अंतरराज्यीय बसें (NCR से दिल्ली आने वाली) पर प्रतिबंध, सिवाय CNG/EV/BS-VI डीजल वाली। पर्यटक बसें ऑल-इंडिया परमिट पर छूट।
– सरकारी वाहनों की संख्या 50% कम; कार पूलिंग को प्रोत्साहन।
– ट्रक एंट्री पर सख्त चेकिंग; पुराने डीजल वाहन (10+ वर्ष) प्रतिबंधित।
ट्रैफिक पुलिस, DTC
सड़क सफाई एवं धूल प्रबंधन– चिह्नित 200+ सड़कों पर रोजाना वैक्यूम स्वीपिंग और वाटर जेटिंग (पीक आवर्स से पहले)।
– धूल नियंत्रण के लिए 100+ स्पेशल टीम्स तैनात; कंस्ट्रक्शन साइट्स पर कवरिंग अनिवार्य।
MCD, NDMC
पार्किंग एवं प्रोत्साहन– सार्वजनिक पार्किंग शुल्क दोगुना (कार: ₹50/घंटा); कार पूलिंग पर छूट।
– CNG/इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 20% बढ़ाई जाए; मेट्रो फ्रीक्वेंसी +10%।
डीडीए, पार्किंग एजेंसियां
उद्योग एवं अन्य– प्रदूषणकारी इकाइयों (स्टोन क्रशर, कंक्रीट मिक्सर) पर निरीक्षण दोगुना; उल्लंघन पर तत्काल सीलिंग।
– जनता के लिए: मास्क पहनें, घर पर रहें, एयर प्यूरीफायर यूज करें। स्कूलों में आउटडोर गतिविधियां बंद।
हरियाणा/यूपी/राजस्थान PCB

ये उपाय तुरंत प्रभावी हैं और उल्लंघन पर ₹1-5 लाख जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है। CAQM ने सभी राज्यों (हरियाणा, यूपी, राजस्थान) को निर्देश दिए हैं कि पराली जलाने पर जीरो टॉलरेंस अपनाएं।

प्रदूषण के कारण: पराली से पटाखों तक, मौसम ने बढ़ाई मुश्किलें

इस साल प्रदूषण की शुरुआत जल्दी हुई। मुख्य कारण:

  • पराली जलाना: पंजाब-हरियाणा में फसल कटाई के बाद 500+ मामले दर्ज, जो दिल्ली की हवा में धुआं भर रहा है।
  • वाहन उत्सर्जन: NCR में 1 करोड़+ वाहन प्रतिदिन; डीजल ट्रक 30% प्रदूषण के जिम्मेदार।
  • निर्माण धूल: अनियंत्रित साइट्स से 20% PM10।
  • पटाखे और मौसम: सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को हरी झंडी दी (QR कोड और समय सीमा के साथ), लेकिन अवैध बिक्री जारी। कम हवा की गति (5-10 km/h) और नमी (70%) ने प्रदूषकों को फंसाया।

राजनीतिक बहस: विपक्ष का आरोप, सरकार का बचाव

GRAP-2 लागू होते ही राजनीति गरमा गई। कांग्रेस नेता राशिद अलवी ने कहा, “सरकार प्रदूषण रोकने में विफल; वोट के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही।” BJP सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने पलटवार किया, “हमारी सरकार प्रयासरत है; पिछले 11 वर्षों की AAP सरकार जिम्मेदार।” मंत्री मंजिंदर सिंह सिरसा ने पड़ोसी राज्यों पर दोष मढ़ा, “पंजाब-यूपी में पराली रोकें।” X (पूर्व ट्विटर) पर #DelhiPollution ट्रेंड कर रहा, जहां यूजर्स दिवाली की खुशियों पर सवाल उठा रहे।

आगे की चुनौतियां: ‘हरित दिवाली’ की अपील, लेकिन क्या होगा परिणाम?

दिवाली पर केवल ग्रीन पटाखों (रात 8-10 बजे तक) की अनुमति है, लेकिन विशेषज्ञ चेताते हैं कि अवैध पटाखों से AQI 100 अंक चढ़ सकता है। दिल्ली सरकार ने ‘हरित दिवाली’ कैंपेन चलाया—दीये जलाएं, पौधे लगाएं, मास्क पहनें। स्वास्थ्य सलाह: अस्थमा/हृदय रोगियों को घर पर रहें; एयर प्यूरीफायर यूज करें; N95 मास्क पहनें।

CAQM और केंद्र सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। यदि AQI 450 पार, तो स्टेज-4 में WFH, ऑड-ईवन और ट्रक बैन संभव। 2025 में अभी तक AQI में 20% सुधार हुआ, लेकिन दिवाली के बाद का समय निर्णायक होगा। क्या इस बार प्रदूषण पर काबू पा पाएंगे? शहरवासियों की सतर्कता ही जवाब देगी।

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