जेरूसलम/ग़ज़ा सिटी, 16 सितंबर 2025 – इज़राइल की सेना ने रात भर ग़ज़ा सिटी पर भयंकर बमबारी की, जिसके बाद रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज़ ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ग़ज़ा जल रहा है।” उन्होंने कहा कि इज़राइली सेना (आईडीएफ) “आतंकी ढांचे पर लोहे की मुट्ठी से हमला कर रही है।” यह बयान युद्ध के 23वें महीने में एक नई आक्रामकता का संकेत है, जब इज़राइल ने ग़ज़ा सिटी में ज़मीनी घुसपैठ की घोषणा की। हमास को पूरी तरह खत्म करने के लक्ष्य से प्रेरित यह अभियान, मानवीय संकट को और गहरा कर रहा है, जहाँ लाखों फ़लस्तीनी फँसे हुए हैं।
यह हमला अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के इज़राइल दौरे के ठीक बाद आया, जिन्होंने हमास को “निष्प्राण” करने की इज़राइल की मंशा का समर्थन किया, लेकिन डिप्लोमेसी के रास्ते पर जोर दिया। रुबियो ने कहा, “समय कम बचा है।” संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में इज़राइल पर “नरसंहार” का आरोप लगाया गया है, जिसे इज़राइल ने खारिज कर दिया।
रात भर की तबाही: बमबारी का विवरण
ग़ज़ा सिटी के निवासियों ने बताया कि रात भर लगातार बम गिराए गए, जिससे पूरा शहर धुंध, धुएँ और आग से घिर गया। ग़ज़ा सिविल डिफेंस के प्रवक्ता महमूद बसल ने एएफपी को बताया कि मंगलवार सुबह तक बमबारी जारी रही, और दक्षिणी खान यूनिस पर भी हमले हुए। कई अपार्टमेंट ब्लॉक और ऊँची इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं। एक निवासी अहमद ग़ज़ाल (25 वर्षीय) ने कहा, “हम उनकी चीखें सुन सकते हैं।” वीडियो फुटेज में एक पूरा भवन राख हो गया दिखाई दे रहा है।
इज़राइली सेना ने इसे “ऑपरेशन गिदऑन’s चैरियट्स 2” नाम दिया है, जिसमें 98वीं, 162वीं और 36वीं डिवीज़न की इकाइयाँ शामिल हैं। सेना का दावा है कि यह हमास के सैन्य ढांचे को नष्ट करने के लिए है। ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस एक रात की बमबारी में कम से कम 20 फ़लस्तीनी मारे गए, जिनमें महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं। कुल युद्ध में अब तक 64,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जिनमें आधे से ज़्यादा महिलाएँ, बच्चे और बुज़ुर्ग हैं।
ज़मीनी घुसपैठ: शहर पर कब्ज़े की कोशिश
सुबह होते ही आईडीएफ ने ग़ज़ा सिटी में ज़मीनी घुसपैठ की पुष्टि की। अरबी भाषा के प्रवक्ता अविचाय अद्रे ने एक्स पर कहा कि शहर के प्रमुख इलाकों पर कब्ज़ा करने का अभियान शुरू हो गया है। सेना ने निवासियों को दक्षिण की ओर भागने का आदेश दिया, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ग़ज़ा में कहीं भी सुरक्षित जगह नहीं बची। आईडीएफ का अनुमान है कि 250,000 फ़लस्तीनी दक्षिण की ओर भागे हैं, लेकिन लगभग 600,000 अभी भी शहर में फँसे हैं।
हमास ने इसे “नरसंहार” करार दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इज़राइली बल नए इलाकों में घुस रहे हैं, जहाँ प्रतिरोधक लड़ाके मौजूद हैं। एक फ़लस्तीनी परिवार के घर पर हमले में 8 लोग मारे गए और 40 से ज़्यादा लापता या घायल हैं। बचाव दल अभी भी मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
मानवीय संकट: भुखमरी और मौत का त्रिकोण
यह हमला पहले से ही तबाह ग़ज़ा को और बर्बाद कर रहा है। ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटों में दो फ़लस्तीनी भुखमरी से मरे, जिससे कुल संख्या 422 हो गई – जिसमें 145 बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया कि इज़राइल ने “नरसंहार” किया है, और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, राष्ट्रपति इसाक हर्ज़ोग और पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट जैसे अधिकारियों ने इसे भड़काया।
ग़ज़ा सिटी के शावा स्क्वायर में मसूद परिवार के घर पर बम गिरने से कई मौतें हुईं। एक पिता ने अपने मारे गए बच्चों को अलविदा कहते हुए कहा, “कोई ज़िंदगी बाकी नहीं बची।” इलाज की कमी, भुखमरी और बमबारी से “आतंक का त्रिकोण” बन गया है।
इज़राइल के अंदर विरोध: बंधकों के परिवार नाराज़
इज़राइल में बंधकों के परिवारों ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने तंबू लगाकर रात बिताई, क्योंकि वे मानते हैं कि यह हमला उनके प्रियजनों की जान को ख़तरे में डाल रहा है। ग़ज़ा में 48 बंधक अभी भी हमास के कब्ज़े में हैं, जिनमें से केवल 20 जीवित बताए जाते हैं। एक परिवार ने कहा, “यह रणनीति बंधकों को मार डालेगी।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएँ: समर्थन और आलोचना का मिश्रण
- अमेरिका का रुख: रुबियो ने कहा कि अमेरिका “वार्ता से समाधान” चाहता है, लेकिन हमास को खत्म करना ज़रूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि “लंबा युद्ध सबसे बुरा है।” अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को चेतावनी दी कि बंधकों को मानव ढाल न बनाएँ, वरना “सभी दाँव हार जाएँगे।”
- यूरोप और अरब देश: स्पेन ने इज़राइली राजदूत को तलब किया। मिस्र, जो मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, इज़राइल से नाराज़ है। कतर ने हाल के हमलों की निंदा की, खासकर दोहा पर हमले के बाद। संयुक्त राष्ट्र ने इज़राइल पर “अनकन्वेंशनल हथियारों” के इस्तेमाल का आरोप लगाया।
- वैश्विक विरोध: एक्स पर पोस्ट्स में फ़लस्तीनी समर्थक इज़राइल को “जातीय सफाई” का दोषी ठहरा रहे हैं। एक यूज़र ने लिखा, “इज़राइल शहर को बुलडोज़र से नहीं, बमों से समतल कर रहा है।”
मुख्य आँकड़े (16 सितंबर 2025 तक) |
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मृतक (एक रात की बमबारी): 20+ |
कुल युद्ध मृतक: 64,000+ (आधे महिलाएँ/बच्चे) |
भुखमरी से मौतें: 422 (145 बच्चे) |
बंधक ग़ज़ा में: 48 (20 जीवित) |
फ़लस्तीनी विस्थापित: 250,000+ (ग़ज़ा सिटी से) |
यह घटना 7 अक्टूबर 2023 के हमास हमले के बाद शुरू हुए युद्ध का नया मोड़ है। इज़राइल का कहना है कि हमास के हमलों में 1,200 इज़राइली मारे गए थे। लेकिन फ़लस्तीनी पक्ष इसे “कब्ज़े की जंग” मानता है। डिप्लोमेसी के प्रयास विफल होते दिख रहे हैं, और मानवीय सहायता की माँग बढ़ रही है। अधिक अपडेट के लिए प्रमुख समाचार स्रोतों पर नज़र रखें।
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