काठमांडू, 11 सितंबर 2025: नेपाल में हाल ही में हुए तख्तापलट ने न केवल देश की राजनीति में हलचल मचा दी है, बल्कि भारत के एक पूर्व रॉ एजेंट और एनएसजी कमांडो लकी बिष्ट की भविष्यवाणी को भी सच साबित कर दिया है। लकी बिष्ट ने करीब एक महीने पहले एक साक्षात्कार में दावा किया था कि नेपाल की सरकार जल्द ही गिर जाएगी, और उनकी यह भविष्यवाणी अब सुर्खियों में है।
एक महीने पहले दी थी चेतावनी
लकी बिष्ट, जो उत्तराखंड के रहने वाले हैं और दावा करते हैं कि उन्होंने 16 साल की उम्र में रॉ के लिए काम शुरू किया था, ने नवभारत टाइम्स के एक पॉडकास्ट में पत्रकार विनीत त्रिपाठी से बातचीत में नेपाल की अस्थिरता की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने कहा था, “आज 12 तारीख है, नोट कर लीजिए सर, एक महीने के अंदर नेपाल की सरकार गिर जाएगी।” इस साक्षात्कार का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बिष्ट ने अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों के हस्तक्षेप का भी जिक्र किया था।
नेपाल में हिंसक प्रदर्शन और तख्तापलट
नेपाल में हाल के दिनों में जेन-जेड आंदोलन ने जोर पकड़ा, जो शुरू में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ था। लेकिन यह आंदोलन जल्द ही हिंसक हो गया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और अन्य महत्वपूर्ण इमारतों में आगजनी की। कम से कम 24 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल होने की खबर है। इस अराजकता के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा, और सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली है।
लकी बिष्ट कौन हैं?
लकी बिष्ट, जिनका पूरा नाम लक्ष्मण बिष्ट है, खुद को पूर्व रॉ एजेंट और एनएसजी कमांडो बताते हैं। उन्होंने दावा किया है कि वे कई गुप्त मिशनों का हिस्सा रहे हैं। हालांकि, उनके दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। बिष्ट ने यह भी कहा था कि नेपाल भारत के लिए पाकिस्तान और चीन से भी बड़ा खतरा बन रहा है, क्योंकि वहां कई अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं।
नेपाल में अस्थिरता और भारत की चिंता
नेपाल में बढ़ती अस्थिरता ने भारत को भी सतर्क कर दिया है। भारतीय खुफिया एजेंसियां नेपाल में भारत विरोधी माहौल को रोकने के लिए काम कर रही हैं। सीमा पर कड़ी निगरानी और सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है ताकि स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके। भारत सरकार ने नेपाल में हिंसा और मौतों पर दुख जताते हुए शांति की अपील की है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
जियोपॉलिटिक्स विशेषज्ञ पवनीत सिंह ने एक पॉडकास्ट में कहा कि नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों में होने वाले ऐसे आंदोलन अक्सर सुनियोजित होते हैं और इनके पीछे किसी बड़ी शक्ति का हाथ हो सकता है। हालांकि, इस दावे की पुष्टि के लिए और सबूतों की जरूरत है।
आगे क्या?
नेपाल में सेना ने कर्फ्यू लागू कर दिया है और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम मुख्य कार्यकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस बीच, काठमांडू के मेयर बालेन शाह को अगले प्रधानमंत्री के रूप में समर्थन मिल रहा है। प्रदर्शनकारी उनकी लोकप्रियता और भ्रष्टाचार विरोधी रुख के कारण उन्हें सत्ता में देखना चाहते हैं।
लकी बिष्ट की भविष्यवाणी और नेपाल की मौजूदा स्थिति ने न केवल क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचाई है, बल्कि यह भी सवाल उठाए हैं कि क्या नेपाल में स्थिरता जल्द बहाल हो पाएगी।
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