प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की उपस्थिति में भारत और मालदीव ने आठ महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें लाइन ऑफ क्रेडिट, ऋण चुकौती, मत्स्य पालन, डिजिटल परिवर्तन और यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) जैसे क्षेत्र शामिल हैं। यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का संकेत देता है, जो पिछले कुछ महीनों में तनावपूर्ण रहे थे।
प्रमुख बिंदु:
- भारत ने मालदीव को ₹4,850 करोड़ की लाइन ऑफ क्रेडिट दी- यह राशि मालदीव में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए उपयोग की जाएगी।
- साथ ही, एक संशोधित समझौते के तहत मालदीव की वार्षिक ऋण चुकौती 40% कम कर दी गई है (51 मिलियन डॉलर से घटकर 29 मिलियन डॉलर)।
 
- मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और द्विपक्षीय निवेश संधि पर चर्चा- दोनों देशों ने FTA पर बातचीत शुरू कर दी है और जल्द ही निवेश संधि को अंतिम रूप देंगे।
 
- स्वास्थ्य, मत्स्य पालन और डिजिटल सहयोग- भारत ने मालदीव को ‘आरोग्य मैत्री हेल्थ क्यूब’ (BHISHM) दिया, जो आपातकाल में 200 लोगों को चिकित्सा सहायता दे सकता है।
- मत्स्य पालन, मौसम विज्ञान और यूपीआई जैसे क्षेत्रों में भी समझौते हुए।
 
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत मालदीव की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में सहयोग जारी रखेगा। हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता हमारा साझा लक्ष्य है।”
- माले में एक नए रक्षा मंत्रालय भवन का उद्घाटन किया गया, जिसे द्विपक्षीय विश्वास का प्रतीक बताया गया।
 
- संबंधों में सुधार का संकेत- राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत को मालदीव का “सबसे विश्वसनीय साझेदार” बताया।
- पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के “इंडिया आउट” अभियान के बाद तनाव बढ़ गया था, लेकिन अब संबंधों में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है।
 
प्रधानमंत्री मोदी का बयान:
“हमारे संबंध इतिहास से भी पुराने और समुद्र जितने गहरे हैं। मालदीव हमारी ‘न्यूबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘महासागर’ दृष्टि का महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत हमेशा मालदीव का सबसे विश्वसनीय मित्र रहा है और आगे भी रहेगा।”
इस यात्रा के साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और विकास सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है।
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